अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां पर हालात हुए बेहद खराब

काबुल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर स्वदेश वापसी के इंतजार में काफी सारे भारतीय फंसे हुए हैं. वे दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट की प्रतीक्षा कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्वदेश वापसी का रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है. एयरपोर्ट के बाहर 4 लाख लोग हैं, जो देश से बाहर निकलने के लिए फ्लाइट पकड़ना चाहते हैं.

एयरपोर्ट के अंदर चोर-लुटेरे घूम रहे हैं. जिससे डर का माहौल बढ़ गया है. समाजवादी पार्टी से संभल के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने फिर विवादित बयान दिया है. तालिबान की प्रशंसा करते हुए बर्क ने कहा कि जिस तरह भारत ने अंग्रेजी राज के खिलाफ संघर्ष किया.

वैसे ही तालिबान भी अपने देश को आजाद कराकर उसे अपने हिसाब से चलाना चाहता है. बर्क ने कहा कि तालिबान वह ताकत है. जिसने रूस और अमेरिका जैसी ताकतों को भी अपने देश से उखाड़ फेंका. अफगानिस्तान में तैनात रूस के राजदूत Dmitry Zhirnov ने तालिबान की सराहना की है.

राजदूत ने कहा कि तालिबान हालांकि रूस में अब भी प्रतिबंधित संगठन है. इसके बावजूद काबुल पर कब्जे के उसके शुरुआती 24 घंटे शांतिपूर्वक रहे हैं. उसके पिछली बार के शासन की तुलना में यह काफी अलग है.

अफगानिस्तान से 130 भारतीयों को लेकर C-17 ग्लोबमास्टर विमान गुजरात के जामनगर एयरपोर्ट पर उतरा. ब्रीफ रिफ्रेशमेंट के बाद विमान को दिल्ली की ओर रवाना कर दिया जाएगा. तालिबान ने अफगान सरकार के लिए काम कर रहे देश के सभी सरकारी कर्मियों को आम माफी देने की घोषणा की.

संगठन ने अपील की कि सभी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौटें और सामान्य स्थिति बहाल करें. तालिबान ने सरकारी कर्मियों को कोई भी सजा न दिए जाने का आश्वासन दिया. आईटीबीपी के जवान काबुल, मजारे शरीफ, हेरात , कंधार और जलालाबाद में इंडियन मिशन की सुरक्षा में तैनात थे.

ये जवान विदेश मंत्रालय के डेपुटेशन पर अफगानिस्तान में तैनात थे. सुरक्षा कारणों की वजह से आधिकारिक तौर पर आईटीबीपी की ओर से कुछ नहीं बताया गया है. हालांकि सूत्रों का कहना है अब अफगानिस्तान में आईटीबीपी के सभी जवान वहां से निकल चुके हैं.

काबुल में तैनात आईटीबीपी के करीब 100 जवान वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी 17 ग्लोबमास्टर जहाज से भारत के लिए उड़े. यह एयरक्राफ्ट करीब दो- तीन घंटे बाद गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड करेगा. इससे पहले सोमवार को आईटीबीपी के 50 जवान देश लौट चुके हैं.

गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक नई इलेक्ट्रॉनिक वीजा कैटिगरी के तहत सभी अफगानी नागरिक इसके तहत भारत आने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. जो भी अफगानी नागरिक इस वीजा के लिए अप्लाई करेगा. भारतीय दूतावास उसके सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित व्यक्ति को वीजा देने या न देने का फैसला करेगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने के लिए अफगानिस्तान सेल (Afghanistan Cell) का गठन किया. अगर किसी को भी मदद चाहिए तो वह +919717785379 पर फोन या MEAHelpdeskIndia@gmail.com पर ईमेल कर सकता है.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू-सिखों और भारत समर्थक अफगानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. उन्हें वहां से निकालने के लिए गृह मंत्रालय ने e-Emergency X-Misc Visa नाम से नई इलेक्ट्रॉनिक वीजा कैटिगरी शुरू की है.

इस कैटिगरी के जरिए भारत में प्रवेश चाहने वाले अफगानियों को फास्ट ट्रैक मोड से वीजा दिया जा सकेगा. भारत ने भी अफगानिस्तान में हालात खराब होते देख अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत और राजनयिक स्टाफ के 120 लोगों को लेकर विमान भारत रवाना हो गया है.

फिलहाल के लिए दूतावास को बंद कर दिया है. तालिबान के साथ संबंधों पर निर्णय वहां पर  सरकार बनने के बाद लिया जाएगा. तालिबान नेतृत्व के काबुल आने के बजाय अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, उनके सहयोगी डॉ अब्दुल्ला और गुलबुद्दीन हिकमतयार दोहा जा रहे हैं. वे वहां पर अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के मुद्दे पर तालिबान के नेताओं से बातचीत करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं के संपर्क में है. उन्हें सुरक्षित रहने के लिए कहा गया है. साथ ही जो लोग भारत आने के इच्छुक हैं, उनसे भी पूछा जा रहा है. बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में कमर्शल फ्लाइट ऑपरेशन बहाल होते ही उन लोगों को निकाल लिया जाएगा.

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