डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ट्रंप फाउंडेशन को विघटित कर देंगे. उनकी इस घोषणा को 20 जनवरी 2017 को देश की सत्ता संभालने के पहले उनके द्वारा खुद को हितों के टकराव से अलग करने के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने एक बयान में शनिवार को कहा कि वह फाउंडेशन को इसलिए भंग कर रहे हैं ताकि राष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका में किसी तरह के टकराव की झलक तक से भी बचा जा सके.
ट्रंप ने यह भी कहा है कि हालांकि वह ऐसे कदमों को बेकार की बात मानते हैं लेकिन फिर भी वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने व्यवसाय से खुद को अलग कर लेंगे.सूत्रों ने अनुसार, रियल एस्टेट कारोबारी ट्रंप के फैसले से लगता है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति कुछ ऐसे कदम उठाने की तैयारी में हैं जो संभावित हितों के टकराव से उन्हें बचा सकें.
लेकिन, इसके बहुत कम संकेत हैं कि क्या वह अरबों डालर की उस कंपनी के साथ भी ऐसा करेंगे जिसे बनाने के लिए उन्होंने कई दशक खर्च किए हैं.ट्रंप ने इतने वर्षो में उनके फाउंडेशन द्वारा बुजुर्गो, कानून लागू करने वालों और बाल समूहों को दिए गए दान के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उनका इरादा दूसरे तरीकों से परोपकार को जारी रखने का है.
हालांकि, फाउंडेशन के करों के रिकार्ड के मुताबिक उन्होंने वर्ष 2008 से अपने फाउंडेशन को दान नहीं दिया है.न्यूयार्क स्थित यह फाउंडेशन अब तक 1.30 करोड़ डॉलर से भी अधिक का दान दे चुका है. इसका गठन मूल रूप से ट्रंप की बेस्टसेलिंग किताब ‘द आर्ट ऑफ डील’ से मिली लाभ की राशि को दान में देने के लिए किया गया था.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, वाशिंगटन पोस्ट की जांच में जून में पाया गया कि ट्रंप ने खुद पिछले 15 वर्षो में अपनी किताब की बिक्री की कमाई के 28 लाख डॉलर इस फाउंडेशन को दिए थे, लेकिन 2009 से कुछ नहीं दिया.इस फाउंडेशन को बंद करने से ट्रंप को इससे जुड़ी और कानूनी परेशानियों से भी मुक्ति मिल सकती है. फाउंडेशन पर अनियमितताओं के आरोप लगे हुए हैं.ट्रंप फाउंडेशन के पास वर्ष 2015 के टैक्स रिटर्न के अनुसार 11.2 लाख डॉलर की संपत्ति है.