अमेरिका के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पूरा विश्व अगले 50 वर्षों में इस खतरनाक बीमारी से मुक्त हो जाएगा। विशेषज्ञों ने बताया कि पहले पेशाब में शुगर की मात्रा के आधार पर डायबिटीज का पता लगाया जाता था, लेकिन अब खून में ग्लूकोज की मात्रा का पता लगाने के लिए कई नए तरीके सामने आ चुके हैं।ए1सी विधि से तीन महीनों की अवधि में डायबिटीज की आशंका का पता लगाया जा सकता है। डेट्रॉयट स्थित हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम के प्रमुख फ्रेड व्हाइटहाउस ने बताया कि आधुनिक तकनीक से इस बीमारी का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सकता है।
आने वाले पांच दशकों में इसमें और प्रगति होगी।हालांकि अमेरिकी डायबिटीज संघ के मुख्य वैज्ञानिक व चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि हमलोग फिलहाल रोग का पता लगाने और उसे सीमित करने में ही सक्षम हैं, खत्म करने का तरीका अभी तक नहीं ढूंढ़ा जा सका है।