अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने एफबीआई के उस हलफनामे का खुलासा किया, जिसमें देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मार-आ-लागो स्थित आवास की तलाशी को उचित ठहराया गया है।सार्वजनिक किये गए इस दस्तावेज में बहुत से संशोधन किये गए हैं और कई पन्नों पर काले निशान लगाए गए हैं।
इसमें पूर्व राष्ट्रपति के फ्लोरिडा स्थित आवास पर गोपनीय रखी गई बेहद संवेदनशील जानकारियां हैं। दस्तावेज से मुख्य रूप से निम्न बातें पता चली हैं. ट्रंप के पास बहुत से गोपनीय दस्तावेज थे।ट्रंप के शीतकालीन आवास की एफबीआई द्वारा आठ अगस्त को ली गई तलाशी में मिले गोपनीय दस्तावेजों के 11 सेट बारे में इस हलफनामे से कोई नई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इतना पता चलता है कि न्याय मंत्रालय के लिए इन दस्तावेजों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण क्यों था।
हलफनामे से खुलासा हुआ है कि जनवरी में ट्रंप के आवास से मिले 15 बक्सों में 14 पर गोपनीय लिखा था। इन बक्सों के भीतर 184 दस्तावेज मिले, जिन पर गोपनीय अंकित था। इनमें से 67 पर ‘कॉन्फिडेंशियल’, 92 पर ‘सीक्रेट’ और 25 पर टॉप सीक्रेट लिखा था।
इनमें उच्च स्तरीय खुफिया जानकारी वाले दस्तावेज शामिल हैं। जिन एजेंट ने बक्सों का निरीक्षण किया, उन्होंने पाया कि दस्तावेजों पर विशेष रूप से अंकित था कि वह सूचना बेहद संवेदनशील मानव स्रोतों या इलेक्ट्रॉनिक स्रोतों से प्राप्त की गई थी।
हलफनामे में कई दस्तावेज ऐसे पाए गए हैं जिन पर ऑरिजिनेटर कंट्रोल्ड लिखा था। इसका अर्थ है कि जिन खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाई थी, वे नहीं चाहते थे कि उनकी अनुमति के बिना अन्य एजेंसियों को वे दस्तावेज दिए जाएं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी डगलस लंदन ने कहा चीजें जब इस स्तर तक गोपनीय रखी जाती हैं तो इसका मतलब होता है कि जो लोग सूचना एकत्र कर रहे हैं उनकी जान को खतरा हो सकता है।ट्रंप द्वारा इन दस्तावेजों को रखने से हुई संभावित क्षति की समीक्षा के लिए अमेरिकी संसद द्वारा राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय निदेशक से किये गए संपर्क का अभी तक जवाब नहीं मिला है।
गोपनीय दस्तावेजों को अन्य कागजात के साथ मिलाकर रखा गया था।हलफनामे में कहा गया कि कुछ गोपनीय दस्तावेजों को अन्य कागजात के साथ मिलाकर रखा गया था। नेशनल आर्काइव्स के व्हाइट हाउस डिवीजन के निदेशक के अनुसार, बक्सों में अखबार, पत्रिकाएं, प्रकाशित समाचार आलेख, तस्वीरें, व्यक्तिगत दस्तावेज और अन्य चीजें पाई गईं।
सबसे बड़ी बात यह कि बेहद गोपनीय दस्तावेजों को खुला और अन्य कागजात के साथ मिलाकर रखा गया था। सीआईए के पूर्व अधिकारी डेविड प्राइस ने कहा कि राष्ट्रपति को खुफिया सूचनाएं दी जाती हैं लेकिन उसे इस तरह अन्य चीजों के साथ बेतरतीब ढंग से मिलाकर रखना असामान्य बात है।