स्टेनिसलास वावरिंका ने फ्रेंच ओपन पुरुष एकल सेमिफाइनल में जो विल्फ्रेड सोंगा को हराकर फ्रांस का रोलां गैरो पर 32 साल में पहला पुरुष एकल चैंपियन देखने का सपना तोड़ दिया। आठवें वरीय वावरिंका ने 14वें वरीय स्थानीय खिलाड़ी को चार सेटों तक चले मुकाबले में 6-3, 6-7, 7-6, 6-4 से शिकस्त दी। दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की उम्मीद लगाए बैठे वावरिंका का सामना अब फाइनल में शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविच और तीसरे वरीय एंडी मरे के बीच होने वाले दूसरे सेमिफाइनल के विजेता से होगा।
साल 2014 के ऑस्ट्रेलियाई ओपन विजेता वावरिंका ने पहली बार पेरिस में फाइनल में जगह बनाई है और इस दौरान अब तक उन्होंने सिर्फ दो सेट गंवाए हैं। दूसरी तरफ 1983 में यानिक नोह के बाद फ्रैंच ओपन खिताब जीतने वाला मेजबान देश का पहला पुरुष एकल खिलाड़ी बनने के सोंगा के इंतजार को वावरिंका ने और बढ़ा दिया। रोलां गैरो पर फाइनल में पहुंचने वाले मेजबान देश के आखिरी पुरुष खिलाड़ी हेनरी लेकोनटे थे जिन्होंने 1988 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
वावरिंका ने मैच के बाद कहा, ‘यह कड़ा मुकाबला था, शारीरिक तौर पर काफी कड़ा। दोनों तरफ से काफी जज्बा दिखाया गया और कोई भी इस मैच को जीत सकता था। उनके पास तीसरे सेट में मेरी सर्विस तोड़ने का मौका था। उसके लिए टूर्नमेंट शानदार रहा और वह भी फाइनल में जगह बनाने का उतना ही हकदार हैं जितना मैं।’ इससे पहले रोलां गैरो पर वावरिंका और सोंगा दो बार भिड़े थे और दोनों ने एक एक मुकाबला पांच सेट में जीता। वावरिंका ने मैच की शानदार शुरुआत की और पहले सेट के चौथे गेम में सोंगा की सर्विस तोड़ी और फिर आसानी से सेट जीत लिया।
दूसरे सेट की शुरुआत में भी वावरिंका ने सोंगा की सर्विस तोड़ी। हालांकि, उन्होंने आठवें गेम में डबल फॉल्ट किया जिसका फायदा उठाते हुए सोंगा ने उनकी सर्विस तोड़कर बराबरी हासिल कर ली। वावरिंका 11वें गेम में पांच ब्रेक पॉइंट का फायदा उठाने में नाकाम रहे जिसके बाद सोंगा ने टाईब्रेकर में 7-1 से सेट जीत लिया।
तीसरे सेट में सोंगा ने बेहतर प्रदर्शन किया, बावजूद इसके यह सेट भी टाईब्रेकर में खिंचा और इस बार वावरिंका ने इसे 7-3 से जीतकर 2-1 की बढ़त बनाई। चौथे सेट में एक बार फिर वावरिंका ने शुरुआत में ही सोंगा की सर्विस तोड़ दी और फिर आसानी से सेट और मैच अपने नाम करते हुए 11 प्रयास में पहली बार यहां फाइनल में जगह बनाई।