पूर्व ऑफ स्पिनर रमेश पोवार को राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम का अंतरिम कोच बनाया गया है. बीसीसीआई जब तक तुषार अरोठे का उपयुक्त विकल्प नहीं ढूंढ लेता तब तक वह टीम के साथ जुड़े रहेंगे. सीनियर खिलाड़ियों के साथ मतभेद के बाद अरोठे को इस्तीफा देने को बाध्य होना पड़ा था. सीनियर खिलाड़ी बड़ौदा के इस पूर्व ऑलराउंडर के कोचिंग के तरीकों से खुश नहीं थी.
पोवार महिला टीम के शिविर से जुड़ेंगे, जिसकी शुरुआती 25 जुलाई से बेंगलुरू में होगी. बीसीसीआई पहले ही पूर्णकालिक कोच के लिए आवेदन आमंत्रित कर चुका है जिसकी अंतिम तारीख 20 जुलाई है.पोवार ने कहा मुझे जो जिम्मेदारी की गई उसकी मुझे खुशी है और मैं उन्हें (महिला टीम को) आगे बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा.
40 साल के पोवार ने भारत की ओर से दो टेस्ट में छह जबकि 31 वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैचों में 34 विकेट हासिल किए. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 148 मैचों में 470 विकेट चटकाए.पता चला है कि पोवार को अपनी अंतरिम नियुक्ति की जानकारी क्रिकेट बोर्ड से रविवार (15 जुलाई) मिली.
पिछले हफ्ते ही पोवार मुंबई की सीनियर रणजी टीम के कोच की दौड़ में मुंबई के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विनायक सामंत से पिछड़ गए थे. इस पद के लिए कथित तौर पर पोवार पहली पसंद थे लेकिन प्रबंधन समिति का एक प्रस्ताव उनके खिलाफ और सामंत के पक्ष में गया.
रमेश पोवार ने इस साल फरवरी में बीच में ही एमसीए की क्रिकेट अकादमी के स्पिन गेंदबाजी कोच का पद छोड़ दिया था और युवा स्पिनरों को प्रशिक्षण देने के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए थे. दिशानिर्देशों के अनुसार नए कोच की उम्र 55 बरस से कम होनी चाहिए और उसे अंतरराष्ट्रीय या प्रथम श्रेणी टीम को कोचिंग देने का अनुभव होना चाहिए.
गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम को विश्व कप फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 51 वर्षीय तुषार अरोठे को सीनियर खिलाड़ियों विशेषकर टी-20 की कप्तान हरमनप्रीत कौर की शिकायत के बाद बीसीसीआई ने पद से हटा दिया था. उन्हें उनकी अभ्यास के तरीकों से शिकायत थी.
अरोठे ने एक इंटरव्यू में कहा अगर विद्यार्थियों ने शिक्षक की मौजूदगी के बावजूद अपना पाठ्यक्रम तय करना शुरू कर दिया तो मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा है. इसी तरह से अगर केवल खिलाड़ियों के आरोपों के आधार पर कोच हटाए जाने लगे तो फिर आप गलत मानदंड स्थापित कर रहे हैं.
अरोठे ने कहा कि खिलाड़ियों के नाखुश होने पर इस तरह से प्रशिक्षकों को लगातार हटाने से पता चलता है कि कौन गलत है.उन्होंने कहा मेरे से पहले कोई और (पूर्णिमा राव) था जिसे इसलिए हटाया गया क्योंकि खिलाड़ी उसे नहीं चाहती थी. अब उन्हें मेरी शैली पसंद नहीं है.
कल नया कोच आएगा और हो सकता कि उन्हें वह भी पसंद नहीं आए. इसलिए अगर केवल एक पक्ष को समस्या है तो इसका क्या मतलब निकलता है.गौरतलब है कि पिछले साल पुरूष टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने भी कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों के बाद पद छोड़ दिया था.