दिलीप वेंगसरकर ने दो जनवरी के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मुंबई क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। ओड़िशा क्रिकेट संघ (ओसीए) के अध्यक्ष रंजीब बिस्वाल और सचिव आशीर्वाद बेहड़ा ने भी अपने-अपने पदों से हटने का फैसला किया है। एमसीए को कल भेजे पत्र में पूर्व भारतीय मुख्य चयनकर्ता ने कहा 2 जनवरी 2017 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर मैं संघ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं।
इससे पहले एमसीए अध्यक्ष शरद पवार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश से काफी पहले 17 दिसंबर को ही इस्तीफा दे दिया था।उधर ओड़िशा क्रिकेट संघ (ओसीए) के अध्यक्ष रंजीब बिस्वाल और सचिव आशीर्वाद बेहड़ा ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति की सिफारिशों के बाद 17 अधिकारियों के साथ अपने संबंधित पदों से हटने का फैसला किया।
उच्चतम न्यायालय ने हाल में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति के सुधारवादी सुझावों का पालन नहीं करने के लिये उनके पद से हटा दिया।बेहड़ा इसलिये हटे क्योंकि वह 70 साल के हैं जबकि बिस्वाल ने तीन साल के ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ के नियम के कारण इस्तीफा दिया।
बिस्वाल ने कहा, ‘मैंने उच्चतम न्यायायल के फैसले और लोढा समिति की सिफारिशों का सम्मान करते हुए पद से इस्तीफा दिया।बेहड़ा ने कहा बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जोहरी से दो जनवरी को मेल द्वारा भेजे गये उच्चतम न्यायालय के आदेश को मिलने के बाद मैंने आज ओसीए के सभी 18 अधिकारियों के साथ बैठक की। हमने सर्वसम्मति से अपने सारे पदभार छोड़ने का फैसला किया।
इस बीच ओसीए ने एक प्रबंध समिति गठित की जो भारत और इंग्लैंड के बीच 19 जनवरी को बाराबती स्टेडियम में होने वाले आगामी दूसरे वनडे के इंतजामों की देखरेख करेगी। बाराबती के विधायक देबाशीष समंत्रे जो ओड़िशा फुटबाल संघ के अध्यक्ष हैं, उन्हें इस समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।