श्री सूर्यदेव के​ पूजन की विधि

सामग्री

कुमकुम या लाल चंदन, लाल फूल, चावल, दीपक, तांबे की थाली, तांबे का लोटा
विधि
सूर्य देव के रोजाना किए जाने वाले पूजन में आवाहन, आसन की जरुरत नहीं होती है। सूर्य ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष ही दिखाई देते हैं। उगते हुए सूर्य का पूजन उन्नतिकारक होता हैं। इस समय निकलने वाली सूर्य किरणों में सकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक होता है। जो कि शरीर को भी स्वास्थय लाभ पंहुचाती हैं।
 
श्री सूर्यदेव की​ पूजन विधि
सूर्य पूजन के लिए तांबे की थाली और तांबे के लोटे का उपयोग करें। लाल चंदन और लाल फूल की व्यवस्था रखें। एक दीपक लें। लोटे में जल लेकर उसमें एक चुटकी लाल चंदन का पाउडर मिला लें। लोटे में लाल फूल भी डाल लें। थाली में दीपक और लोटा रख लें।
 
अब ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें। लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाएं। सूर्य मंत्र का जप करते रहें। इस प्रकार से सूर्य को जल चढ़ाना सूर्य को अर्घ प्रदान करना कहलाता है। ऊँ सूर्याय नमः अर्घं समर्पयामि कहते हुए पूरा जल समर्पित कर दें।
 
अर्घ समर्पित करते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिम्ब एक बिन्दु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा। सूर्य को अर्घ समर्पित करते समय दोनों भुजाओं को इतना ऊपर उठाएं। कि जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई दे। सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें।

 

Check Also

नवरात्रि के पांचवें दिन करें स्कंदमाता की पूजा, इन मंत्रों से करें प्रसन्न

मां दुर्गाजी के पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता है। ये भगवान् …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *