Know Interesting Facts About the Sun । जानें सूर्य के रोचक तथ्यों के बारे में

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Know Interesting Facts About the Sun : सूर्य जो हम सभी को रोशनी देता है, औऱ सबका जीवन पोषण औऱ भरण करता है। सूर्य बहुत बड़ा सितारा है, जिसकी परिक्रमा निरंतर पृथ्वी करती है। सूर्य के कुछ रोचक तथ्य आप लोग जरूर जानिए।चाहे दिन हो जा रात आप जब भी यह तथ्य पढ़रहे हो जा कभी भी कुछ कर रहे हो तो सुर्य द्वारा छोड़े गए 10 लाख अरब (10 13) न्युट्रान आप के शरीर से गुजर रहे होते हैं।

अगर सु्र्य का आकार एक फुटबाल जितना और बृहस्पति का गोल्फ बाल जितना कर दिया जाए तो धरती का आकार एक मटर से भी कम होगा।सुर्य 74 प्रतीशत हाईड्रोजन और 24 प्रतीशत हीलियम से बना है और बाकी का हिस्सा कई भारी तत्वों जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, लोहे और नीयोन से बना है।

सुर्य की बाहरी सतह का तापमान 5500 डिगरी सेलसीयस है जबकि अंदरूनी भागका तापमान 1 करोड 31 लाख डिगरी सेलसीयस है। सुर्य भारी मात्रा में सौर वायु उत्पन्न करता है जिसमें इलेक्ट्रॉन और प्रोटान जैसे कण होते है। यह वायु इतनी तेज (लगभग 450 किलोमीटर प्रति सैकेंड) और शक्तिशाली होती है कि इसमें मौजुद इनेक्ट्रॉन और प्रोटान सुर्य के शक्तिशाली गुरूत्व से भी बाहर निकल जाते हैं। धरती जैसे शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रह ऐसे कणों को धरती के पास पहुँचने से पहले ही मोड़ देते हैं।

सुर्य के अंदरूनी भाग का दबाब धरती के वायुमंडल के दबाब से 340 अरब गुना ज्यादा है। सुर्य के केंद्र से जो उर्जा उतपन्न होती हैउसे इसकी सतह तक आने के लिए 5 करोड़साल लगते हैं। अगर सुर्य के केंद्र से एक पनीर के टुकड़ेजितने भाग को धरती की सतह पर रखदिया जाए तो कोई भी चट्टान जा ओर कोई चीज इसे धरती के 150 किलोमीटर अंदर तक धसने से नही रोक सकती।

सुर्य की सतह का क्षेत्रफन धरती केक्षेत्रफल से 11990 गुना ज्यादा है। सुर्य का गुरूत्वार्कष्ण धरती से 28 गुना ज्यादा है. मतलब कि अगर धरती पर आपका वजन 60 किलो है तो सुर्य पर यह 1680 किलो होगा। धरती की तरह सुर्य ठोस नही है. यहसारा का सारा गैसो का बना हुआ है। सुर्य का गुरूत्व इतना शक्तिशाली है कि 6 अरब किलोमीटर दूर स्थित पलुटो ग्रह भी इसके गुरूत्व के कारण अपनी कक्षा मेंघूम रहा है।

पलायन वेग किसी पिंड की उसशक्ति को कहते हैजो कि किसी निश्चित दूरी पर गति कर रही वस्तु को अपनी ओर खीच लेता है। सुर्य का पलायन वेग 20 लाख 22 किलोमीटर है। मतलब कि सुर्य अपने 20 लाख 22 हजार किलोमीटर के दायरे में आनी वाली हर चीज को अपनी ओर खीच लेगा।प्रकाश सुर्य से प्लुटो तक पहुँचने में 5 घंटे 30 मिनट लेता है।

जैसे हमारी धरती अपने धुरे के समक्ष 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है ऐसे ही सुर्य अपनी धूरे के समक्ष 25 दिन में एक चक्कर पूरा करता है। सुर्य के एक वर्ग सैंटीमीटर सेजितनी उर्जा पैदा होती है इतनी उर्जा 100 वाट के 64 बल्बो को जगाने के लिए काफी होगी। सुर्य की जितनी उर्जा धरती पर पहुँचती है इतनी उर्जा संम्पूर्ण मानवो द्वारा खप्त की उर्जा से 6000 गुना ज्यादा होती है।

धरती पर हर जगह 360 दिनो में एक बार सुर्य ग्रहण जरूर दिखता है। साल में ज्यादा मे ज्यादा 5 बार ही सुर्य ग्रहण लगता है। सुर्य ग्रहण 7 मिनट 40 सैंकेड तक रहता है मगर संम्पूर्ण सुर्य ग्रहण 20 मिनट तक चलता है। अब से 5 अरब साल बाद सुर्य अब से 40 प्रतीशत ज्यादा चमकने लगेगा. सारे सागर , महासागर और नदीयों का पानी जलवासप बन कर अंतरिक्ष में उड़ जाएगें।

अब से 7 अरब 70 करोड़ साल बाद सुर्य लाल दानव का रूप धारण कर लेगा। यह लगभग 200 गुना बड़ा हो जाएगा और बुद्ध ग्रह तक पहुँच जाएगा। 7 अरब 90 करोड़ साल बाद सुर्य एक सफेद वोने में बदल जाएगा तब इसका आकार सिर्फ शुक्र ग्रह के जितना होगा।

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