यूपी में कोयला आपूर्ति सामान्य कराने को लेकर योगी आदित्यनाथ ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

बिजली संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता को लेकर केंद्र और राज्य अलग-अलग दावे कर रहे हैं। कई राज्य विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी की बात कर रहे हैं और बिजली संकट की आशंका जता रहे हैं।भाजपा शासित उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य कोयला संकट की बात करते हुए बिजली उत्पादन में बाधा उत्पन्न होने की बात कह रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार कोयले के पर्याप्त भंडार की बात कह रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कोयला आपूर्ति सामान्य कराने का अनुरोध किया है, वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोयला संकट पर केंद्र पर आंखें मूंदने का आरोप लगाया है। जबकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कोयले की कमी की बात को गलत करार दिया है।

झारखंड और केरल भी कोयला संकट के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा पैदा होने की बात कह रहे हैं।उत्तर प्रदेश में भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने और प्रदेश को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने रविवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकारी स्वामित्व वाली विद्युत इकाइयों में कोयले की जबर्दस्त किल्लत के कारण बिजली उत्पादन बहुत कम हो गया है जिसके कारण गांवों तथा कस्बों में बिजली की अत्यधिक कटौती की जा रही है।

ऊर्जा विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इन इलाकों में साढ़े तीन से सवा छह घंटे तक की बिजली कटौती की जा रही है।दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकार के स्वामित्व वाले चार बड़े पन-बिजली संयंत्रों में से पारीछा और हरदुआगंज में केवल आधे दिन का ही कोयला है। ओबरा और अनपरा में भी मात्र दो दिन का कोयला ही बाकी रह गया है।

राष्ट्रीय कोयला संकट का असर अब सबसे अधिक कोयला खनन करने वाले झारखंड राज्य में भी देखने को मिल रहा है। झारखंड राज्य के अपने थर्मल पावर प्लांट भी कोयले की कमी से जुझने लगे हैं। झारखंड बिजली उत्पादन निगम की इकाई तेनुघाटत विद्युत निगल लिमिटेड की इकाई भी कोयला संकट के कारण बंद होने के कगार पर पहुंच गई है।

टीवीएनएल के पास आज रात 12 बजे तक का ही कोयला स्टॉक 5 हजार मिट्रिक टन बचा है, अगर सीसीएल आपूर्ति नहीं करता है, तो आज आधी रात से टीवीएनएल भी ठप हो सकता है।केरल के बिजली मंत्री, के कृष्णनकुट्टी ने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड बिजली कटौती की संभावनाओं पर विचार कर रहा है अगर उत्तर भारत में कोयले की कमी की स्थिति जारी रहती है।

मंत्री ने कहा कि बोर्ड इंतजार कर रहा है और घटनाक्रम पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के कारण केंद्रीय पूल से आपूर्ति में कमी आई है। उत्तर भारत में कोयले की कमी की स्थिति कुछ और महीनों तक जारी रहने की रिपोर्ट के साथ, राज्य को यह अध्ययन करना होगा कि बिजली कटौती कब तक जारी रहेगी।

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