CM फडणवीस से मिलीं भूमाता ब्रिगेड की लीडर

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शनि देव की पूजा के लिए आंदोलन कर रही भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति देसाई ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पुणे में मुलाकात की। देसाई ने कहा, ”हमारी मेहनत रंग लाई, सीएम ने मंदिर में महिलाओं को पूजा करने का हक दिलाने और ट्रस्ट को सरकार के अंडर लाने का आश्वासन दिया है। इसके पहले महिलाओं को कई नेता और धर्म गुरुओं का सपोर्ट मिला। फडणवीस ने खुद ट्वीट कर महिलाओं की पूजा को सही ठहराया था।

सीएम फडणवीस ने कहा, ”महिलाओं को शनि देव की पूजा हक दिलाऊंगा, भेदभाव हमारी संस्कृति नहीं है। मंदिर ट्रस्ट और महिलाओं को बीच कर हल निकालना चाहिए।”पद्म विभूषण श्रीश्री रविशंकर ने कहा, ”महिलाओं के पूजा करने से शनि देव नाराज नहीं हो जाते हैं। किसी भी धर्म में महिलाओं के साथ भेदभाव ठीक नहीं है।”

आप नेता आशुतोष ने कहा है कि सालों से मंदिरों में महिलाओं को पूजा करने का हक मिला हुआ है। शनि मंदिर में उन्हें पूजा से रोकना गलत है। राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद् के प्रेसिडेंट महंत नरेंद्र गिरि ने भी महिलाओं का सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शनि देव की पूजा का हक मिलना चाहिए।बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यन स्वामी भी शनि शिंगणापुर मंदिर में पूजा के लिए आंदोलन कर रही महिलाओं के सपोर्ट में आ गए हैं। 

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की को-फाउंडर जाकिया सोमन और नूरजहां साफिया नियाज ने भी भूमाता ब्रिगेड का सपोर्ट किया।उन्होंने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई किसी भी धर्म में महिलाओं को पूजा या इवादत करने से रोकना सही नहीं है।परंपरा के मुताबिक, शनि मंदिर में 400 साल से किसी महिला को शनि देव के चबूतरे पर जाकर तेल चढ़ाने या पूजन करने की इजाजत नहीं है। ट्रस्ट की मानें तो बॉम्बे हाईकोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है।

29 नबंवर, 2015 को एक महिला के शनिदेव के चबूतरे पर जाकर पूजा करने के बाद काफी विवाद हुआ। शिंगणापुर में पंचायत हुई और मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था।वहीं, भूमाता ब्रिगेड और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की मेंबर रंजना गवांदे ने इसे शनि मंदिर में क्रांतिकारी घटना बताकर स्वागत किया था।15 साल पहले भी शनि मंदिर पूजा को लेकर महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी। तब जाने-माने रंगकर्मी डॉ. श्रीराम लागू इस मुहिम से जुड़े थे।

मंगलवार को भूमाता ब्रिगेड की करीब 700 महिलाओं को पुलिस ने शिंगणापुर से 75 किलोमीटर पहले रोका और हिरासत में ले लिया।भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं तृप्ति देसाई के साथ 6 बसों में पुणे से शनि मंदिर के लिए निकली थीं। जहां वे तेल चढ़ाकर परंपरा तोड़ने वाली थीं।इसके पहले मंदिर में पूजा के एलान के बाद गांव के लोगों ने मीटिंग बुलाई। भूमाता ब्रिगेड को रोकने के लिए गांव की महिलाओं ने भी आगे आईं।

ग्राम प्रधान बालासाहेब बानकर ने कहा, ”अगर भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं परंपरा तोड़ती हैं, तो इसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस जिम्मेदार होगी।”बानकर के मुताबिक, ”शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे पर महिलाओं के नहीं जाने की परंपरा सदियों पुरानी है। ये उनका अपमान नहीं शास्त्रों के मुताबिक है।”अहमदनगर के एसपी सौरभ त्रिपाठी ने कहा है कि तनाव को देखते हुए मंदिर के आसपास धारा 144 लगाई है।

शिंगणापुर में एक जगह पर महिलाएं जमा नहीं हो सकती हैं, इसके चलते ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात की गई।भूमाता रनरागिनी ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने परंपरा तोड़कर शनि देव को तेल चढ़ाने और पूजा करने का एलना किया था।उन्होंने कहा, ”अगर उन्हें रोका गया तो महिलाएं हेलिकॉप्टर से मंदिर में घुसेंगी। हमने इसका भी इंतजाम कर लिया है।”मंदिर ट्रस्ट को बता दिया है कि 21वीं सदी में महिलाओं से ऐसा भेदभाव बर्दास्त नहीं कर सकते हैं।

देसाई ने कहा कि शनि मंदिर के बाद देश के दूसरे धर्म स्थानों पर भी भूमाता ब्रिगेड महिलाओं को पूजा का हक दिलाएगी।मंदिर में शनि महाराज की शिला खुले में रखी गई है। वहां दूर से दर्शन होते हैं। चबूतरे के पास तक सिर्फ पुरुष जा सकते हैं।शनि शिंगणापुर कस्बे के किसी भी घर में दरवाजे (गेट) नहीं हैं। यहां तक कि एक बैंक की ब्रांच में भी ताला नहीं लगता है।

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