बीजेपी आलाकमान को लगता है कि जिन राज्यों में 2019 तक चुनाव होने हैं वहां पर पार्टी को मजबूत करने के लिए कई कार्यक्रम करने चाहिए। ओडिशा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग इसी प्लान का हिस्सा है। यहां मोदी रोड शो भी करने वाले हैं।यूपी चुनाव की शानदार कामयाबी के बाद अब बीजेपी के एजेंडे में ओडिशा आ गया है। यहां खुद मोदी रोड शो करने वाले हैं।
शनिवार को भुवनेश्वर पहुंचे अमित शाह का जोरदार स्वागत हुआ।पार्टी दफ्तर पर वर्कर्स ने शाह को 74 कमल फूलों की माला और 74 फूल देकर स्वागत किया। इसके पीछे ओडिशा बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मंशा है कि ओडिशा में 147 विधानसभा सीटें है और बहुमत के लिए 74 सीटें बहुमत के लिए चाहिए।
गुजरात-हिमाचल प्रदेश की चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी।पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी मंथन होगा।केंद्र सरकार के 3 साल के कामकाज का लेखा-जोखा रखा जाएगा।जीएसटी बिल पर आगे बढ़ने का रास्ता भी तैयार किया जाएगा।ओडिशा में बीजेपी के राजनीतिक भविष्य का रोडमैप तय होगा।
इससे पहले बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक 1997 में भुवनेश्वर में ही हुई थी।इस मीटिंग के बाद 26 दिसंबर को बीजू पटनायक ने जनता दल से अलग बीजेडी का गठन किया था और 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने बीजेपी की अगुवाई में एनडीए साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।2000 में नवीन पटनायक की अगुवाई में ओडिशा में एनडीए की सरकार बनी थी।
2009 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूट गया था। लेकिन दो महीने पहले हुए ओडिशा नगरपालिका और लोकल बॉडीज के चुनाव में बीजेपी को जनता का जमकर समर्थन मिला। बीजेपी को 850 सीट में से 306 सीटें मिलीं। बीजेडी को भी 191 और कांग्रेस को 60 सीटों का नुकसान हुआ।2012 के नगर पालिका और निकाय के चुनाव में बीजेपी को 36 सीटें ही मिली थीं।