अशोक सिंघल की मौत के बाद यह चर्चा एक बार फिर तेज हो गई थी कि आखिर राम मंदिर कब बनेगा। सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी राम मंदिर को लेकर बयान दिया था। अब एक बार फिर वीएचपी ने राम मंदिर आंदोलन को तेज करने की कमर कस ली है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने बताया कि 8 साल बाद एक बार फिर पत्थरों की खेप राजस्थान से अयोध्या मंगाई जाएगी।
अयोध्या पहुंचे चंपत राय ने बताया कि अशोक सिंघल ने जून में अयोध्या पहुंचकर न्यास की बैठक में कहा था कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण के काम में तेजी आएगी। उन्होंने बैठक में पत्थरों की कमी का भी जिक्र किया था।जून में अयोध्या पहुंचे अशोक सिंघल ने बताया था कि राम मंदिर बनवाने के लिए 2.25 लाख घनफुट शिला की आवश्यकता है। वहीं, करीब 1.25 लाख घनफुट शिला कार्यशाला में तैयार है। बाकी एक लाख घनफुट शिला देशभर के हिंदू श्रद्धालुओं से एकत्र की जानी है।
सिंघल के मुताबिक, देशभर में शिलादान का आयोजन कर एक साल के अंदर 1.25 लाख घनफुट शिलाएं इकट्ठी कर अयोध्या लाई जानी थीं। बैठक में यह भी कहा गया था कि मंदिर के लिए पत्थरों पर नक्काशी के काम में तेजी लाई जाएगी ताकि एक साल के अंदर निर्माण के लिए सभी पत्थर तैयार हो जाएं।आरएसएस के प्रचारक रहे हजारीलाल अयोध्या के कारसेवकपुरम में रखे मंदिर के मॉडल की देखरेख करते हैं।
वे बताते हैं, ”अशोक सिंघल की प्रेरणा से जो रामशिला पूजन का कार्यक्रम हुआ, उसके चलते देश भर से रामभक्तों ने शिलाएं भेजीं। जनवरी 1989 में कुंभ मेला के दौरान राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप ने धर्म संसद का आयोजन किया। इसमें देवरहा बाबा की उपस्थिति में यह निर्णय हुआ कि देशभर के सभी मंदिरों में राम मंदिर निर्माण के लिए रामशिला का पूजन होगा।