कांग्रेस ने फिर हमला बोलते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और ललित मोदी पर मिलकर सरकारी संपत्ति को निजी संपत्ति में बदलने का आरोप लगाया गया है.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में वसुंधरा पर आरोप लगाया कि पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी और वसुंधरा राजे के बीच गहरे व्यावसायिक संबंध रहे हैं. इतना ही नहीं दोनों ने मिलकर राजस्थान की सरकारी संपत्ति को भी निजी बनाकर लाभ कमाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.कांग्रेस ने पूरे मामले में वसुंधरा के इस्तीफे की मांग की है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह सिद्ध हो चुका है कि भगोड़े ललित मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच लेन-देन रहा है और दोनों बिजनेस पार्टनर हैं. उनके अनुसार गैरकानूनी तरीके से मॉरीशस से एक फर्जी कंपनी के माध्यम से 22 करोड़ रुपये आए और उसमें से 11 करोड़ का निवेश दोनों के वेंचर में किया गया.रमेश ने सुबूत के तौर पर जमाबंदी के कुछ दस्तावेज भी दिखाए. उन्होंने कहा कि धौलपुर महल निजी संपत्ित नहीं बल्कि सरकारी संपत्ित है लेकिन इसे निजी बनाया गया और इसमें दुष्यंत सिंह भी शामिल हैं.उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नियांत होटल्स में वसुंधरा एवं उनके परिवार का शेयर है जिसका जिक्र उन्होंने 2013 के शपथ पत्र में भी किया है. इसी में ललित मोदी के भी शेयर हैं. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि वसुंधरा ने सरकारी संपत्ित को निजी संपत्ित में बदला है.
रमेश ने बताया कि 10 अप्रैल 1954 को धौलपुर रियासत का भारतीय संघ में विलय में हुआ और 1977 में धौलपुर महल को सरकारी संपत्ित घोषित किया गया, लेकिन वसुंधरा व ललित मोदी ने मिलकर 100 करोड़ रुपये निवेश कर इसे लग्जरी होटल में रूप में तब्दील कर दिया.जयराम रमेश ने अपने संबंध में प्रधानमंत्री को मौनेंद्र संज्ञा देते हुए कहा कि वे अब मौन तोडें और वसुंधरा राजे को पद से हटायें. उन्होंने कहा कि स्वच्छ राजनीति की दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री स्वामी मौनेंद्र चुप क्यों हैं? यह कोरा आरोप नहीं है और दस्तावेज के आधार पर ही यह बात कही जा रही है.
उन्होंने कहा कि धौलापुर का महल एक सरकारी संपत्ति है और इसके हमारे पास दस्तावेज मौजूद है, जो हमारी बात को साबित करते हैं. 1954, 1955, 1977,1980, 2010 पिछले 60 सालों में लगभग छह बार इन दस्तावेजों में दर्ज है कि धौलपुर का महल सरकारी संपत्ति है. 1980 में वसुंधरा राजे के पति ने भी कोर्ट में बयान दिया था धौलपुर का महल सरकारी संपत्ति है. लेकिन राजस्थान सरकार ललित मोदी के साथ इन संपत्ति का निजी इस्तेमाल करके लाभ कमा रही है.