हरियाणा सरकार ने गुड़गांव सेक्टर 83 में कमर्शल कॉलोनियां बनाने के लिए कुछ लोगों को इशू किए गए लाइसेंस के मामले की पड़ताल के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। जांच के घेरे में 9 कंपनियां हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस. एन. ढींगरा मामले की पड़ताल करेंगे। ये लाइसेंस हरियाणा टाउन ऐंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने जारी किए थे। आयोग अपनी रिपोर्ट 6 महीने के भीतर सरकार को सौंपेगा।
हालांकि सरकारी प्रवक्ता ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन हरियाणा सरकार के इस फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व करीब एक दर्जन रसूखदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सूत्रों के अनुसार, आयोग के दायरे में आने वाले 9 बड़े नामों में हरियाणा के एक बड़े कारोबारी की कंपनी भी है। आयोग जांच के दौरान पता लगाने की कोशिश करेगा कि लाइसेंस जारी करने के पीछे क्या परिस्थितियां थीं।
क्या नियमों के अनुरूप इसे पाने के वे हकदार भी थे या नहीं, कोई आपराधिक षड्यंत्र तो नहीं किया गया। मालूम हो कि बीजेपी सरकार के सीनियर मंत्री रामबिलास शर्मा ने बुधवार को ही वाड्रा लैंड डील पर जांच आयोग बनाने के संकेत दिए थे जबकि पूर्व सीएम हु्ड्डा शुरू से जांच कराने की चुनौती दे रहे थे।