MP में 2 कांग्रेस नेताओं का गाड़ियों को आग लगा देने वाला वीडियो हुआ वायरल

मप्र के किसान आंदोलन में हिंसा और आगजनी के लिए उकसाते हुए कांग्रेस नेताओं के वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें रतलाम में कांग्रेस नेता और जिपं. उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ किसानों को पुलिस की गाड़ियों को जलाने का कहते सुनाई दे रहे हैं। दूसरी ओर शिवपुरी के करैरा में कांग्रेस विधायक शकुंतला खटिक सरेआम अपने समर्थकों को थाने में आग लगाने के लिए उकसा रही हैं।

धाकड़ कह रहे हैं ये दम भी रखना कि एक भी गाड़ी आ जाए तो आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा।कोई भी किंतु, परंतु, थाना-पुलिस किसी से डरने की जरूरत नहीं है। कल तक मेरी अरेस्टिंग हो जाएगी तो आप सब लोगों की जवाबदारी है।शिवपुरी के करैरा में कांग्रेसी विधायक शकुंतला खटीक और उनके समर्थक सीएम का पुतला जला रहे थे। फायर बिग्रेड ने पुतले पर पानी डाला तो विधायक भी भीग गईं।

 

भीगते ही विधायक नाराज हो गईं और समर्थकों को भड़काकर बोलीं टीआई ने मेरे ऊपर पानी कैसे डाला, इस नालायक, भ्रष्टाचारी को 3 दिन में हटाओ। एसपी को बुलाओ, तब तक मैं धरना दूंगी। थाने में आग लगा दो। टीआई को हटा दो नहीं तो मैं खुद मर जाउंगी, या फिर इसे मार डालूंगी। मुझे कोई चिंता नहीं है मेरे तीन लड़कें हैं और दो लड़कियां हैं।

पुलिस ने धाकड़ पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। इसके अलावा पूर्व नामली नपं अध्यक्ष राजेश भरावा, शेरू पठान, दशरथ पाटीदार, भरत पाटीदार, रमेशचंद्र पाटीदार, भगवती पाटीदार निवासी डेलनपुर सहित 44 पर नामजद केस दर्ज किया है।आंदोलन के लिए 1000 से ज्यादा किसान मंगलवार को मंदसौर और पिपलियामंडी के बीच बही पार्श्वनाथ फोरलेन पर उतर आए।

पहले चक्का जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पथराव शुरू कर दिया।आंदोलनकारियों का पीछा किया गया तो वो दो टुकड़ों में बंट गए। एक टुकड़ी का सामना CRPF से हुआ, जिसने फायरिंग कर दी। दूसरी टुकड़ी थाने के पास थी। हालात बेकाबू देख थाने में एक दर्जन पुलिसवालों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में 6 लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि बिना वार्निंग दिए फायरिंग कर दी।

बेकाबू हालात तब हुए जब किसानों की मौत की खबर फैली। बुधवार को आधा मालवा हिंसा और आगजनी की चपेट में आ गया।हालात संभालने के लिए 2014 बैच के प्रोबेशनल IPS साईं कृष्णा को भेजा गया। ये फैसला मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी ने लिया। लेकिन, कृष्णा बेकाबू हालात को संभाल नहीं पाए।

मंदसौर में हिंसा भड़कने के बाद सरकार ने भोपाल में मीटिंग्स शुरू कीं। सीएम बैठक में मौजूद थे। कलेक्टर और एसपी को हटाने का फैसला लिया गया ताकि आंदोलनकारियों में मैसेज जाए। लेकिन, शाम तक यही नहीं तय हो पाया कि एसपी-कलेक्टर की जगह किसे भेजा जाए। जब कलेक्टर मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे तो लोगों का गुस्सा देखकर उन्हें भागना पड़ा। गुरुवार सुबह सरकार ने दोनों अफसरों का तबादला किया।

मंगलवार को एमपी के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस फायरिंग में किसानों के मारे जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि CRPF और पुलिस ने फारिंग नहीं की। मंदसौर कलेक्टर ने भी कहा कि फायरिंग किसने की, इसका पता पोस्टमार्टम के बाद ही चलेगा। तीन दिन बाद गुरुवार को भूपेंद्र सिंह ने कहा जांच में साबित हो गया है कि पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई।

महाराष्ट्र में पुणतांबा के किसानों से प्रभावित हो कर छोटे-बड़े किसान संगठन, नेता इकट्ठा हो गए। 1 जून से किसान क्रांति मोर्चा के नाम से आंदोलन शुरू कर दिया गया। पश्चिम महाराष्ट्र के किसानों ने आंदोलन शुरू किया। नासिक और अहमदनगर आंदोलन का केंद्र है।मध्य प्रदेश में 2 जून से इस आंदोलन की शुरुआत हुई। यहां इंदौर, धार, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, खंडवा और खरगोन के किसान आंदोलन कर रहे हैं।

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