CIC के पद की दौड़ से दिल्ली पुलिस प्रमुख बस्सी बाहर

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बीएस बस्सी को केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पद के लिए दावेदारों की सूची से बाहर कर दिया गया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने शुक्रवार को इस पद के लिए तीन नामों को मंजूरी दी. जेएनयू विवाद से सही तरीके से नहीं निपटने को लेकर बस्सी लोगों के निशाने पर हैं.
    
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बस्सी का नाम हटाने का फैसला कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी पार्टियों और समाज के कार्यकर्ताओं की ओर से बढ़ते दबाव के बीच किया गया. इन दलों का आरोप है कि जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार के मामले की पटियाला हाउस अदालत परिसर के भीतर सुनवाई के दौरान जब हिंसक भीड़ पत्रकारों, शिक्षकों और छात्रों की पिटाई कर रही थी तो दिल्ली पुलिस निष्क्रिय थी.


    
केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई छह सप्ताह की समय-सीमा को मानते हुए समिति की शुक्रवार सुबह बैठक हुई जिसमें विभिन्न नामों पर चर्चा की गई.बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिस्सा लिया. यह बैठक प्रधानमंत्री के साऊथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में हुई. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक में हिस्सा लिया.

सूत्रों ने बताया कि खड़गे बस्सी की उम्मीदवारी के खिलाफ थे. इस रुख को उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने पहले ही साफ कर दिया था.1977 बैच के आईपीएस अधिकारी बस्सी इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. वह सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदकों में से एक थे. उनके नाम को कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने पिछले साल नवंबर में शॉर्टलिस्ट किया था.
    
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के तीन पद रिक्त हैं. केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के कुल 10 पद स्वीकृत हैं. सभी तीन रिक्तियों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर बैठक में फैसला किया गया.सूत्रों ने बताया कि चयन समिति ने अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनकी स्वीकृति के लिए भेजी है ताकि उनकी नियुक्ति के लिए अंतिम आदेश जारी किया जा सके.
    
बस्सी के अलावा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव श्यामल के सरकार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तत्कालीन सचिव अनूप के पुजारी और पूर्व सूचना एवं प्रसारण सचिव बिमल जुल्का का नाम तब शॉर्टलिस्ट किया गया था.

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