सीमा सुरक्षा बल की टियर स्मोक यूनिट ने स्वदेशी ड्रोन टियर स्मोक लॉन्चर किया तैयार

दंगे के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए और अश्रु गैस के गोले छोड़ने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। सीमा सुरक्षा बल की टियर स्मोक यूनिट ने स्वदेशी ड्रोन टियर स्मोक लॉन्चर तैयार किया है। सीमा सुरक्षा बल ने स्वदेशी ड्रोन टियर स्मोक लॉन्चर तैयार कर लिया है।

इसमें ड्रोन के जरिये 250-300 मीटर के दायरे में आंसू गैस के गोले गिराए जा सकते हैं। बीएसएफ ने बताया कि ये उनकी स्वदेशी टियर स्मोक यूनिट द्वारा तैयार किया गया है। इसका परीक्षण भी सफलता पूर्वक कर लिया गया है। वहीं इसके इस्तेमाल के लिए ज्यादातर सुरक्षा सर्टिफिकेट भी मिल गए हैं।

इस ड्रोन तकनीक का सभी पुलिस विभाग और सशस्त्र पुलिस बलों के द्वारा जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।जानकारी के मुताबिक किसी भी घटना के दौरान उपद्रवियों को काबू में करने और अश्रु गैस के गोले छोड़ने के लिए इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

इससे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले कर्मी सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें कई बार भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है। यही नहीं ये तकनीक गैर घातक भी है।एक ड्रोन में 2 से 6 तक अश्रु गैस के गोले लोड कर टारगेट एरिया में गिराए जा सकेंगे।

ड्रोन से गोले गिराने और ड्रोन में गोले भरने के लिए मैग्जीन का ट्रायल भी किया जा चुका है। बीएसएफ की तरफ से इस तकनीक का एक वीडियो भी जारी किया गया है। माना जा रहा है की इसे जल्द ही विभिन्न पुलिस बलों और सुरक्षा बलों को इस्तेमाल के लिए सौंप दिया जाएगा।

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल अकादमी में अश्रुगैस इकाई को 1976 में शुरू किया गया था। इससे पहले तक देश में अश्रुगैस के गोले विदेशों से आयात किए जाते थे। 46 साल में इस इकाई ने अश्रुगैस सामग्री बनाने की क्षमता को देश के सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुसार 12 गुना बढ़ाते हुए भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *