कश्मीर में सेना की पोस्ट पर हमले में एक आतंकी समेत 4 की मौत

कश्मीर में आतंकियों ने सेना की मोबाइल चेक पोस्ट पर हमला कर दिया। इसके बाद सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में एक स्थानीय आतंकी सहित चार लोग मारे गए। सेना के स्पोक्सपर्सन कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि मुठभेड़ में एक आतंकी और उसके तीन मददगार मारे गए हैं। अभी ऑपरेशन जारी है।

सैन्य सूत्रों के अनुसार, 44 राष्ट्रीय राइफल ने पहनू इलाके में हाईस्कूल के सामने मोबाइल चेक पोस्ट का नाका लगा रखा था। रात करीब 8 बजे एक कार में आतंकी आए और नाके पर पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी। सेना के जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद थोड़ी दूर जाकर कार रुक गई और उसमें से एक आतंकी निकलकर भागने लगा। जवानों ने उसे वहीं पर ढेर कर दिया।

मुठभेड़ में मारे गए आतंकी की पहचान शोपियां के ही शाहिद अहमद डार के रूप में हुई है। उसके पास से एके-47 राइफल भी मिली है। आतंकी हमले में इस्तेमाल कार की तलाशी के दौरान तीन और लोगों के शव बरामद हुए। सेना के अनुसार वे तीनों आतंकियों के मददगार थे। उनकी मौत भी गोलियां लगने के कारण हुई।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सेना ने तीन निर्दोष युवकों की हत्या की है। उनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था। बड़ी संख्या में घरों से निकले लोगों ने सेना पर पथराव किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू किए। लेकिन देर रात तक माहौल खराब बना हुआ था। हालात को देखते हुए प्रशासन ने पुलवामा और शोपियां में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी है, ताकि अफवाहें फैलने से रोकी जा सकें।

इलाके में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। वहीं, पुलिस ने चारों शव कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।कश्मीर के आईजी एसपी पानी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।15 कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकी बिखरे हुए हैं। वो लीपा घाटी, मंडाल, रामपुर और अन्य इलाकों में 30 से 40 के ग्रुप में घूम रहे हैं।

एलओसी पर फायरिंग कर पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ करा रहा है। जो कुछ भी कुपवाड़ा और तंगधार में हुआ वह इसी का नतीजा है।सीमा पर बढ़ती चौकसी की वजह से पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों की संख्या घट गई है। ऐसे में जैश और लश्कर जैसे आतंकी गुट अपने साथ जुड़े स्थानीय युवाओं को आतंकी हमलों में शामिल कर उन्हें फिदायीन बना रहे हैं। 

यह खुलासा लेखपुरा एनकाउंटर के बाद पाकिस्तानी आतंकी के मोबाइल में मिले वॉट्सएप ग्रुप से हुआ था।नई रणनीति के तहत घाटी में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद ने तीन से चार आतंकियों का फिदायीन ग्रुप तैयार किया है। इसमें एक या दो आतंकी जैश के और बाकी जम्मू-कश्मीर के लोकल यूथ शामिल होते हैं।

पहले इनका इस्तेमाल बतौर स्लीपर सेल सिक्युरिटी फोर्सेस के कैंप की रेकी, वहां तैनात जवानों की संख्या और हमले के लिए चुने गए शहर में सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराने के लिए होता था। अब इन्हें एके-47 जैसे हथियारों की ट्रेनिंग देकर हमलों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है।

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