दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पहुंचकर अपना विरोध करेंगे छात्र

दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी यानी डीडीएमए दिल्ली में स्कूल कॉलेज खोलने की इजाजत दे चुका है। हालांकि कॉलेजों का कहना है कि स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के उपरांत ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी। विश्वविद्यालयों के इस रवैये से छात्र संगठन और अधिकांश शिक्षक नाराज हैं।

छात्रों का कहना है कि अब ऑफलाइन कक्षाएं क्यों शुरू नहीं की जा रही। इसके विरोध में सोमवार को छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज करेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय समेत जामिया और जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों के छात्रों का कहना है कि लंबे समय से बंद पड़े कॉलेज एवं विश्वविद्यालय परिसरों अब तुरंत खोला जाए।

छात्रों का कहना है कि कक्षाओं में छात्रों को प्रवेश मिले और डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से हो रही पढ़ाई बहुत अधिक कारगर नहीं है।
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का भी कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को फिर से खोला जाए। ऐसा न होने पर वे व्यापक आंदोलन करेंगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी लम्बे समय से चल रही कैम्पस को खुलवाने की लड़ाई को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।
अभाविप की प्रत्येक कॉलेज इकाई 7 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के हर कॉलेज के प्राचार्यों को ज्ञापन सौंपकर कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से खोलने की मांग करेगी तथा 8 फरवरी को दक्षिणी परिसर में पूरे दिन का धरना करेगी।

9 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में अकादमिक काउन्सिल की मीटिंग के बाहर दिन भर का प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएगी।अभाविप कैम्पस खुलवाने के साथ साथ हॉस्टल में छात्रों को तुरंत अनुमति देना, सभी लाइब्रेरी को खोलना, पीएचडी एडमिशन में पारदर्शिता, फीस में बढ़ौतरी एवं रिजल्ट से सम्बंधित विषयों को लेकर आंदोलन करेगी।

अभाविप के सिद्धार्थ यादव ने कहा कि डीडीएमए के स्कूल-कॉलेज खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी हो गए हैं और अब दिल्ली विश्वविद्यालय को भी परिसर को तुरंत खोलने का निर्णय लेना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय लगभग 2 वर्ष से बंद है और इस कारण से शिक्षा का स्तर नीचे गिरा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तुरंत विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों को खोलने का फैसला नहीं लिया जा सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तर्क दिया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में 70 फीसदी छात्र दिल्ली के बाहर से हैं। जिन्हें कॉलेज खोलने खोले जाने से पहले सूचित करना आवश्यक है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक अभी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और कॉलेज खोलने से पहले कम से कम छात्रों को 15 दिन पहले बताया जाएगा। जिससे कि वह कॉलेज समय से आ सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि कॉलेजों को ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने केलिए काफी तैयारी भी करनी पड़ेगी।

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