यूपी, बिहार और झारखंड में आंधी-तूफान से 54 लोगों की मौत

मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है और समय पर ही मानसून उत्तर भारत में प्रवेश कर जाएगा. लेकिन मानसून नहीं होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में मौसम कहर मचा रहा है. पूरे मई के तेज हवाओं और आंधी-तूफान ने खूब कहर मचाया है. मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में चली धूल भरी तेज हवाओं की चपेट में आकर 4 लोगों की मौत हो गई.

यहां पिछले दो दिनों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं. आपदा प्रबंध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मौसम की मार से इस महीने में देश के विभिन्न हिस्सों में 290 लोगों की मौत हो चुकी है.यूपी के कई जिलों में सोमवार शाम और मंगलवार सुबह अचानक आई आंधी-तूफान व आसमानी बिजली गिरने से प्रदेश में 13 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए.

सात मकान क्षतिग्रस्त हो गए और चार मवेशियों की जान भी चली गई. आंचलिक विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 36 घंटों के बीच फिर गरज-चमक के साथ तेज आंधी-पानी के आसार हैं.सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के कुछ जिलों में आए आंधी-तूफान व आकीशीय बिजली गिरने से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई.

इस आंधी-पानी से सबसे ज्यादा नुकसान उन्नाव जनपद में हुआ, यहां बिगड़े मौसम की चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो गई, वहीं चार घायल हो गए. जनपद रायबरेली में तीन की मौत व तीन जख्मी हो गए और दो मवेशियों की भी मौत हो गई. कानपुर नगर और पीलीभीत में दो-दो लोगों की मौत हो गई. कन्नौज में चार लोगा जख्मी हो गए और दो पशुओं की मौत हो गई.

उन्नाव में दो और रायबरेली में पांच कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए. लखीमपुर खीरी में तेज हवाओं के कारण एक मस्जिद का एक हिस्सा गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य घायल हुए हैं.बिहार में 19, झारखंड में 12, पश्चिम बंगाल में 2 और मध्य प्रदेश में 4 लोगों की मौत हुई है. बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों में 5 लोगों की मौत हुई है.

मुंगेर में 4, कटिहार में 3 और नवादा में 2 लोगों की मौत हो गई. बिहार आपदा प्रबंधन ने इन मौतों की पुष्टि की है. कुल 19 मौतों में से 11 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई.कर्नाटक के कई हिस्सों में मंगलवार को तेज बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ. कई इलाकों में पानी भरने से एनडीआरएफ की टीम को बचाव अभियान चलाना पड़ा.

बेंगलुरु के निचले इलाकों में पानी भर गया. बच्चों और बुजुर्गों को नाव से बाहर निकालना पड़ा. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर वहां चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों से लोगों की मदद के लिए हर संभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए. उधर, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के हालात पर चिंता प्रकट करते हुए लोगों की जल्द ही राहत मिलने की प्रार्थना की है.

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