सीबीआई ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से जुड़े स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में मंगलवार को उनसे पूछताछ की.रावत कुछ समर्थकों और एक विधायक के साथ मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे.सीबीआई ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया था जिसमें उसने राष्ट्रपति शासन के दौरान मामले की जांच को दी गई मंजूरी वापस लेने की बात कही थी.
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी सीबीआई जांच पर रोक नहीं लगाई. रावत ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.सीबीआई ने कहा था कि कानूनी सलाह लेने के बाद अधिसूचना को खारिज कर दिया गया. इस सलाह में कहा गया कि मंजूरी को वापस लेने का कोई आधार नहीं है और यह ‘कानूनी तौर पर मान्य’ नहीं है.
सीबीआई ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की जांच के लिए 29 अप्रैल को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी. इस स्टिंग ऑपरेशन में रावत बागी कांग्रेसी विधायकों को कथित रूप से रिश्वत की पेशकश करते दिखाए गए हैं, ताकि वे विधायक उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान उनका समर्थन करें.
सीबीआई ने नौ मई को रावत को पूछताछ के लिए तलब किया था लेकिन उन्होंने एजेंसी से और अधिक समय मांगा. इसके बाद वह शक्ति परीक्षण जीत गए और सत्ता में लौट आए.बागी कांग्रेसी विधायकों द्वारा वीडियो जारी किए जाने पर रावत ने आरोपों से इंकार किया था और वीडियो को फर्जी बताया था लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार कर लिया कि स्टिंग ऑपरेशन के कैमरे में वही दिखाई दे रहे हैं.
शक्ति परीक्षण में रावत की जीत के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 15 मई को हुई और इस बैठक में उस अधिसूचना को वापस ले लिया गया, जिसमें रावत की संलिप्तता वाले स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी.