शिवसेना ने मारिया का समर्थन किया

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भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने आज सवाल किया कि सरकार ने ललित मोदी विवाद मामले में जिस तरह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थन किया, उस तरह से वह मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया का साथ क्यों नहीं देती। शिवसेना ने कहा कि मारिया की आलोचना करने का मतलब ‘तिल का ताड़ बनाना’ होगा। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘ललित मोदी ने आईपीएल को लेकर जो किया वो विवाद का मुद्दा हो सकता है लेकिन मुंबई पुलिस आयुक्त के पास उस स्थिति में उन्हें पकड़ने और यहां अथवा दिल्ली ले जाने का कोई अधिकार नहीं है जबकि वह प्रशासन की अनुमति से लंदन में रह रहे हैं।’ शिवसेना ने कहा, ‘आईपीएल का ‘किंग’ होने की वजह से कई नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें होंगी। क्या इसका यह मतलब है कि उन सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा, ‘पृथ्वीराज की टिप्पणी की उस वक्त भी अहमियत नहीं थी और आज भी कोई महत्व नहीं है क्योंकि जब कांग्रेस और राकांपा सत्ता में थीं तो दो समानांतर सरकारें चल रही थीं। अगर मारिया ने चव्हाण को नहीं, बल्कि उस वक्त के गृह मंत्री को सूचित किया था तो यह कोई मायने नहीं रखता कि उस वक्त कुछ परदे के पीछे चल रहा था जिनके बारे में चव्हाण को सूचित किया जाना था।’मारिया की सराहना करते हुए शिवसेना ने कहा कि मारिया वह व्यक्ति हैं जिन्होंने शहर को आतंकवादियों के लिए सहज निशाना नहीं बनने दिया और मुंबई में गैंगवार एवं गुंडागर्दी खत्म करने का श्रेय उनको दिया जाना चाहिए। उसने नवंबर, 2008 के मुंबई हमले के दौरान और जांच में मारिया की भूमिका की भी तारीफ की।

शिवसेना ने कहा, ‘इन सब चीजों को देखते हुए अगर ललित मोदी से मुलकात को लेकर मारिया पर कटाक्ष किया जाएगा तो इसका मतलब तिल का ताड़ बनाना होगा। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सुषमा स्वराज और वसुंधरा के पीछे मजबूती के साथ खड़ी हुई है तथा वे अपने पद पर बने रहेंगे। तो फिर मारिया जैसे बहादुर अधिकारी के लिए यही न्याय क्यों नहीं।’ उसने कहा, ‘राजनीति में सारे पाप माफ कर दिए जाते हैं।

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