रिटायर्ड जज वीरेंद्र सिंह होंगे यूपी के नए लोकायुक्त

Supreme-Court

उत्तर प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैये को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुये न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वीरेंद्र सिंह को प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया.लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर लम्बे समय से चल रही जद्दोजहद और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर पाई थी.सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति में हो रहे विलंब के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश को कड़ी फटकार लगाते हुए उसे दो दिन के भीतर नियुक्ति करने का  निर्देश दिया था. राज्य सरकार के इसमें विफल रहने पर कोर्ट ने स्वयं लोकायुक्त की नियुक्ति कर दी.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा था कि वह बुधवार तक लोकायुक्त की नियुक्ति करे या गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे. कोर्ट ने कहा कि अगर उसके आदेश पर अमल नहीं किया गया तो राज्य के मुख्य सचिव को उसके समक्ष पेश होना पड़ेगा.सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘अगर आप लोकायुक्त की नियुक्ति में नाकाम रहते हैं तो हम आदेश में लिखेंगे कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल और इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अपनी ड्यूटी करने में असफल रहे.’’  

कोर्ट ने इसी महीने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके लोकायुक्त की नियुक्ति न करने को लेकर जवाब मांगा था.कोर्ट ने पूछा कि 24 अप्रैल 2014 को जब उसने छह महीने के अंदर राज्य में नए लोकायुक्त का नियुक्ति का आदेश दिया था, तो अब तक इस पर अमल क्यों नहीं किया गया.उल्लेखनीय है कि नये लोकायुक्त की तलाश के लिए मंगलवार रात पांच घण्टे और बुधवार सुबह एक घण्टे चली मैराथन बैठक के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुआई वाली तीन सदस्यीय चयन समिति की बैठक में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी थी.

प्रदेश के मुख्य न्यायाधीय डी वाई चंद्रचूड और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की सदस्यता वाली इस तीन सदस्यीय समिति की बैठक बुधवार को पूर्वान्ह करीब साढे नौ बजे शुरू हुई. करीब एक घंटे तक हुए गहन मंथन में कोई फैसला नहीं निकलने पर बैठक स्थगित कर दी गई.चयन समिति के सदस्य और बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया ‘‘उन्होंने अपने स्तर से एकमत बनाने की पुरजोर कोशिश की लेकिन समिति के अन्य सदस्यों में अभी एक राय नहीं बन सकी.’’सरकार को लोकायुक्त की नियुक्ति की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को ही देनी थी. 

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *