देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक बयान के बाद बोले सपा सांसद नरेश अग्रवाल

राज्यसभा में घटनाओं पर हुई बहस सपा सांसद नरेश अग्रवाल के बयान के बाद हंगामे में बदल गई। दरअसल, अपोजिशन लिंचिंग पर कानून बनाए जाने पर रूलिंग पार्टी से सवाल कर रहा था। इस दौरान नरेश अग्रवाल ने लिंचिंग के पीछे बीजेपी मेंबर्स के शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने बयान में देवी-देवताओं का नाम शराब के ब्रांड्स से जोड़ दिया।

 जिसके बाद रूलिंग पार्टी के मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बयान के बाद दो बार राज्यसभा की कार्यवाही रोकनी पड़ी। हालांकि, बाद में अग्रवाल ने सदन में कहा मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद जताता हूं। मॉब लिंचिंग पर उठाए गए कदमों की जानकारी सरकार ने सदन में दी और कहा राज्य सरकारों के पास ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सभी अधिकार हैं।

होम मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। ऐसे लोगों को तुरंत अरेस्ट किया जाए, जो इन घटनाओं में शामिल हैं। मुझे नहीं लगता है कि मौजूदा कानून में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है।इस पर समाजवादी पार्टी के मेंबर्स ने वेल में आकर नारेबाजी की, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोक दी गई।

नरेश अग्रवाल ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बीजेपी मेंबर्स का हाथ है। केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने इन आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2014 से ऐसी घटनाओं को रिकॉर्ड करना शुरू किया है। तब से अब तक का डाटा बताता है कि एक या दो बीजेपी शासित राज्यों को छोड़ दें तो बाकी घटनाएं नॉन-बीजेपी रूल्ड स्टेट्स में हुई हैं। ये सही नहीं है कि बीजेपी के लोग इसमें शामिल हैं।

अहीर ने कहा मॉब लिंचिंग केसेज में हरियाणा में 4, प. बंगाल में 3, झारखंड में 30 और महाराष्ट्र में 4 लोग अरेस्ट हुए हैं। अगर कोई अरेस्ट नहीं हुआ है तो केंद्र राज्यों से ये कहता है कि वो एक्शन लें। केंद्र अपनी ड्यूटी से भाग नहीं रहा है और राज्यों को कम्प्लीट एक्शन रिपोर्ट हमें भेजनी चाहिए।

नरेश अग्रवाल ने लिंचिंग मामलों में सरकार पर सवाल उठाते हुए देवी-देवताओं पर बयान दिया। इस बयान में सपा सांसद ने देवी-देवताओं का नाम शराब के ब्रांड्स से जोड़ा।बयान के बाद बीजेपी मेंबर्स ने नारेबाजी की- भगवान का अपमान नहीं चलेगा, श्रीराम का अपमान नहीं चलेगा, अपने देवों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। रूलिंग पार्टी ने नरेश अग्रवाल से माफी की मांग की।

2 बार सदन की कार्यवाही रुकने के बाद नरेश अग्रवाल ने सदन में कहा, “मैंने जो कहा, वो दीवार पर लिखा था, मैंने कोट नहीं किया। मेरी ये कभी इच्छा नहीं रही कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाऊंगा। मैंने आज तक किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया। कई बार आरोप लगने के बाद भी मैंने कुछ नहीं कहा। अगर फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। हम भगवान राम को दिल में रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं। राम में मेरी आस्था है।

कांग्रेस मेंबर आनंद शर्मा ने कहा नरेश अग्रवाल जी ने अपने शब्दों को वापस ले लिया है। वे हमारे भी देव हैं, केवल आपके (बीजेपी) ही नहीं हैं। आप ठेकेदार ना बनें। इसी सदन में एक पैम्पलेट पर मां दुर्गा के बारे में लिखीं आपत्तिजनक चीजों को आपकी मंत्री ने पढ़ा था। उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी है। ये (मॉब लिंचिंग) गंभीर मसला है, ये किसी टिप्पणी से बड़ा है। उसे किसी व्यक्ति पर केंद्रित ना करें।

सपा मेंबर रामगोपाल ने भी आनंद शर्मा के बयान को कोट करते हुए कहा अगर आपकी मंत्री माफी मांगती हैं तो नरेश अग्रवाल भी माफी मांगेंगे। दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जा सकता।लीडर ऑफ अपोजिशन गुलाम नबी आजाद ने कहा इस वक्त जो लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं, उनमें संघ परिवार या रूलिंग पार्टी का कोई ना कोई मेंबर इन्वॉल्व रहता है। मुझे शक है कि ये अंडरस्टैंडिंग से हो रहा है।

हम स्टेटमेंट देंगे, तुम्हें जो करना हो करते रहो। अगर ये अंडरस्टैंडिंग नहीं होती तो कोई क्यों नहीं पकड़ा जाता है? डीएसपी अयूब पंडित के साथ जो जम्मू में हुआ, वो गलत था। लेकिन जो आजकल शहरों में हो रहा है, वो शर्मनाक है और इंसानियत के खिलाफ है। बल्लभगढ़ में जुनैद की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई, लेकिन कोई बचाने नहीं आया।

अरुण जेटली ने नरेश अग्रवाल के बयान पर कहा एसपी सांसद ने शराब के ब्रांड से देवी-देवताओं का नाम जोड़ा। कोई इस बयान की गंभीरता को नहीं समझ रहा है। अगर उन्होंने (नरेश अग्रवाल) ने ये बयान सदन के बाहर दिया होता तो उन पर केस कर दिया जाता। क्या आप दूसरे गॉड्स पर इस तरह का बयान दे सकते हैं।

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा आजाद जी ने एक बात अच्छी कही। ये घटनाएं जो हुईं ये व्यक्तियों से जुड़ी हैं, पार्टी से नहीं। इस तरह के क्राइम को सांप्रदायिक रंग ना दें। ऐसा करने से उन अपराधियों को मदद होगी, जो ये चाहते हैं कि उन्हें सांप्रदायिकता का सुरक्षा कवच मिल जाए।राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन पीजे कुरियन ने कहा मैंने कार्यवाही के रिकॉर्ड्स देखे हैं।

ये बयान अपमानजनक है और बहुसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। मैं इसे कार्यवाही से हटाने का आदेश देता हूं। उन्हें (नरेश अग्रवाल) ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। ये रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।अग्रवाल का बयान कार्यवाही से हटाने के बाद आनंद शर्मा ने कहा ये बयान सोशल मीडिया में ना जाए, इसे निश्चित करना चाहिए ताकि भावनाएं भड़कें ना।रविशंकर प्रसाद ने कहा ये मैसेज संबंधित अधिकारियों को दे दिया गया है। आजकल सोशल मीडिया का चरित्र बदल गया है और हम सबको मिलकर ये निश्चित करना होगा कि ये बयान फैले नहीं।

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