आरबीआई ने 30 हजार करोड़ रुपए की वैल्यू के नोट गलत छाप दिए। गड़बड़ी हजार रुपए के नोटों में हुई है। ऐसे 20 करोड़ नोट तो रिजर्व बैंक के पास हैं, लेकिन 10 करोड़ नोट बाजार में हैं। होशंगाबाद और नासिक में कुछ इम्प्लॉइज के सस्पेंड होने के बाद यह मामला सामने आया।आरबीआई के मुताबिक, 1 हजार के 5AG और 3AP सीरीज के नोट सिल्वर सिक्युरिटी थ्रेड के बगैर छप गए।इनका करेंसी पेपर पहले होशंगाबाद में सिक्युरिटी प्रिंटिंग और मिन्टिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से निकला।
बाद में नासिक के आरबीआई प्रेस में पहुंचा।अब इन नोटों को वापस जमा कराया जा रहा है।रिजर्व बैंक के पास अब तक करीब 6 करोड़ नोट ही जमा हो सके हैं।आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इन नोटों को जला दिया है।चेक करें कि आपके पास 1000 रुपए का जो नोट है, क्या वह 5AG या 3AP सीरीज का है?
नोट को लाइट के सामने रखकर देखें। आपको पहले डिजिट के नीचे L लिखा नजर आएगा।नोट की फ्रंट साइड में आपको सिल्वर सिक्युरिटी थ्रेड नजर नहीं आएगा।अगर तीनों बातें सही हैं, तो आपके पास गलत प्रिंटिंग वाला नोट है।आरबीआई के 14 दिसंबर, 2015 के लेटर के मुताबिक, बैंकों से ऐसे नोट जारी नहीं करने को कहा गया है।अगर ऐसे नोट लेकर कस्टमर्स पहुंचते हैं, तो आरबीआई ने बैंकों से नोटों की जांच के बाद एक्सचेंज वैल्यू देने को कहा है।
नोट छापने का कागज एमपी के होशंगाबाद की सिक्युरिटी पेपर मिल में तैयार किया जाता है। पिछले साल से यहां जर्मन ऑटोमैटिक मशीन पीएम-5 से कागज बनाया जा रहा है। इससे निकले कागज की क्वालिटी इम्पोर्ट किए गए पेपर से बेहतर होती है।इस मशीन के जरिए 1200 इम्प्लॉइज का काम सिर्फ 200 लोगों के जरिए हो रहा है।इस मशीन से निकले कागज में सिक्युरिटी थ्रेड लगाया जाता है। थ्रेड लगाने की दो मशीनें नासिक में भी हैं।
शुरुआती गड़बड़ी होशंगाबाद में हुई। इसका पता चलते ही पीएम-5 मशीन को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया। दो मैनजरों को सस्पेंड कर दिया गया। होशंगाबाद से यह कागज नासिक पहुंचा था। यहां 1000 रुपए के 30 करोड़ नोट छापे गएरिजर्व बैंक ने एक-तिहाई नोट सर्कुलेशन के लिए निकाल दिए, जबकि दो-तिहाई अपने पास रखे।सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले पानीपत में इन नोटों की शिकायत सामने आई।लापरवाही के मामले में नासिक करेंसी नोट प्रेस के तीन इम्प्लॉइज को भी सोमवार को सस्पेंड किया गया। चार अन्य को नोटिस जारी किया गया।
गलती कहां और कैसे हुई, इसके लिए टीआर गौड़ा की अगुआई में एक जांच कमेटी बनाई गई है।यह कमेटी होशंगाबाद के सिक्युरिटी पेपर मिल और नासिक के करेंसी नोट प्रेस में जांच करेगी।इस मामले में सीबीआई, आईबी और सीअारपीएफ की टीमें भी जांच कर रही हैं।
नोट पर महात्मा गांधी का वॉटरमार्क्ड पोर्ट्रेट होता है। साथ ही नोट कितने रुपए का है, यह करेंसी को लाइट के सामने रखने पर दिखता है।जब इसे लाइट के सामने रखकर देखते हैं तो आरबीआई और 1000 रुपए लिखा हुआ नजर आता है।1000 रुपए का प्रिंट फ्लोरल डिजाइन में दोनों तरफ नजर आता है।नोट पर डायमंड शेप सिंबल उभरा हुआ रहता है।