बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के कई उत्पाद उत्तराखंड की एक लैब द्वारा किए गए क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार, हरिद्वार की आयुर्वेद और यूनानी कार्यालय में हुई जांच में करीब 40 फीसदी आयुर्वेद उत्पाद, जिनमें पतंजलि के उत्पाद भी शामिल हैं, मानक के मुताबिक नहीं पाए गए।
साल 2013 से 2016 के बीच इकट्ठा किए गए 82 सैम्पल्स में से 32 उत्पाद क्वालिटी टेस्ट पास नहीं कर सके। पतंजलि का दिव्य आंवला जूस और शिवलिंगी बीज उन उत्पादों में शामिल है, जिनकी गुणवत्ता मानकों के अनुसार नहीं पाई गई। बता दें कि पिछले महीने सेना की कैंटीन ने भी पतंजलि के आंवला जूस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सेना ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य प्रयोगशाला द्वारा की गई एक गुणवत्ता जांच में पतंजलि के उत्पाद के फेल होने पर की थी।उत्तराखंड सरकार की लैब रिपोर्ट के अनुसार, आंवला जूस में तय की गई सीमा से कम पीएच मात्रा मिला। पीएच की मात्रा 7 से कम होने पर एसिडिटी व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।
आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि शिवलिंगी बीज का 31.68 फीसदी हिस्सा विदेशी था। हालांकि रामदेव के सहयोगी और पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने लैब रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्होंने एचटी से बातचीत में कहा शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक बीज है।
हम इसमें छेड़छाड़ कैसे कर सकते हैं? बालकृष्ण ने दावा किया कि लैब रिपोर्ट पतंजलि की छवि को खराब करने की एक कोशिश है।पतंजलि के उत्पादों के अलावा, आयुर्वेद के अन्य 18 सैम्पल जैसे- अविपत्तिकरा चूर्ण, तलिसदया चूर्ण, पुष्यनूगा चूर्ण, लवण भाष्कर चूर्ण, योगराज गुग्गूलू, लक्षा गुग्गूलू को भी मानकों के मुताबिक नहीं पाया गया।