16 राज्यों के 58 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अप्रैल-मई में खत्म हो रहा है। इसके लिए जारी चुनावी प्रक्रिया में अब तक 10 राज्यों में 33 सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। बाकी 6 राज्यों की 25 सीटों और केरल की एक सीट के उपचुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान होगा। इस चुनाव के बाद भाजपा राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आ सकती है।
उसे 12 से 15 सीट का फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अपने 38 साल के इतिहास में वह पहली बार 70 से ज्यादा सीटें पा सकती है। बता दें कि भाजपा का गठन 1980 में हुआ था।राज्यसभा की 58 सीटों में से 33 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। इनमें बीजेपी के 17, कांग्रेस के 4 और अन्य दलों में बीजेडी 3, आरजेडी 2 , टीडीपी 2, जेडीयू 2, शिवसेना 1, एनसीपी 1 और वाईएसआरसी 1 का कैंडिडेट शामिल है।
सात केंद्रीय मंत्री निर्विरोध चुने गए। इनमें रविशंकर प्रसाद (बिहार), धर्मेंद्र प्रधान और थावरचंद गहलोत (मध्यप्रदेश), जेपी नड्डा (हिमाचल), प्रकाश जावड़ेकर (महाराष्ट्र), मनसुखभाई मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला (गुजरात) शामिल हैं।23 मार्च को केरल की एक सीट पर उपचुनाव भी होगा। यहां से जेडीयू सांसद वीरेंद्र कुमार ने इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा के राज्यसभा में फिलहाल 58 सांसद हैं। अप्रैल में 14 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इस तरह पार्टी के पास सिर्फ 44 सांसद बचते हैं।44 + 28 (17 कैंडिडेट निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं, उत्तरप्रदेश से 8, कर्नाटक से 1, झारखंड से 1 और छत्तीसगढ़ से 1 सीट जीतना तय।)10 राज्यों में से 8 में बीजेपी के 17 कैंडिडेट्स निर्विरोध चुने गए।
कुल 10 सीट पर चुनाव हैं। उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी भी पार्टी के पास 37 विधायक होने जरूरी हैं। बीजेपी अलायंस के पास 324 सीट हैं। 8 सदस्यों को राज्यसभा पहुंचाने के बाद 28 विधायक बचते हैं। ऐसे में एक और सदस्य को अपर हाउस भेजने के लिए 9 विधायक का समर्थन चाहिए।
उधर समाजवादी पार्टी के पास 47 विधायक हैं। इस हिसाब से एसपी का एक ही कैंडिडेट राज्यसभा में जा सकता है। एसपी ने राज्यसभा के लिए जया बच्चन को चुना है।असल लड़ाई 10वीं सीट के लिए है। बीएसपी कैंडिडेट भीम राव आंबेडकर और बीजेपी के अनिल अग्रवाल आमने-सामने हैं। सपा बसपा को समर्थन दे रही है। इसलिए यह चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है।
अरुण जेटली (वित्त मंत्री), डॉ. अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव, अनिल अग्रवाल।अपर हाउस में चुने जाने के लिए यहां एक कैंडिडेट को 45 वोट (कुल 224 असेंबली सीट में से) की जरूरत है। 124 विधायक के साथ सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के 2 कैंडिडेट राज्यसभा जाना तय हैं।
बाकी, 2 सीट में से एक पर बीजेपी- जेडीएस समर्थित उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर का भी चुना जाना करीब-करीब पक्का है। बीजेपी के पास 44 विधायक और जेडीएस के पास 39 विधायक हैं। आखिरी एक सीट के लिए चुनाव दिलचस्प होगा।झारखंड में कुल 82 मेंबर हैं। राज्यसभा में जाने के लिए 28 विधायकों का समर्थन जरूरी है। सत्ताधारी बीजेपी के पास 43 सीट हैं।
वहीं, उसके सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के पास चार सीट हैं। इस हिसाब से बीजेपी को एक सीट मिलना तय है।छत्तीसगढ़ असेंबली में 90 सीट हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 46 विधायकों के वोट चाहिए। बीजेपी के पास 49 और कांग्रेस के पास 39 विधायक हैं। वहीं, बीएसपी का एक विधायक है। एक विधायक निर्दलीय है।
ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार सरोज पांडेय का अपर हाउस जाना तय है।बाकी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं।राज्यसभा चुनाव का फॉर्मूला है= (खाली सीटें + एक) कुल योग से विधानसभा की सदस्य संख्या से भाग देना। इसका जो जवाब आए उसमें भी एक जोड़ने पर जो संख्या होती है।
उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए चाहिए।यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं। राज्यसभा चुनाव 10 सीटों के लिए होना है।खाली सीट 10+1= 11। 403/ 11= 36.63। 36.63 +1= 37.63। यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को औसतन 37 विधायकों का समर्थन चाहिए।