राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारियों से मुलाकात करेंगे. इस दौरान राहुल गांधी इन कर्मचारियों के साथ संवाद भी करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि राहुल एचएएल के कर्मचारियों से शनिवार को साढ़े तीन बजे मुलाकात और संवाद करेंगे. बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष इस दौरान कैंडल मार्च भी निकालेंगे.इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एस जयपाल रेड्डी ने कहा था एचएएल सबसे बड़ा शिकार इसलिए बन गया है क्योंकि एचएएल के 10 हजार कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है.
राफेल डील मिलने से 10 हजार नई नौकरी पैदा होने वाली थीं, लेकिन अब मौजूदा नौकरियां भी खत्म हो रही हैं.उन्होंने कहा अगर हमारे समय पर किया गया करार आगे बढ़ाया जाता और 18 हवाई जहाज खरीदे जाते तथा बाकी हिंदुस्तान में बनाए जाते तो हमारी विनिर्माण क्षमता बढ़ती. यही कारण है कि राहुल जी एचएएल जा रहे हैं.
दरअसल, कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का जो सौदा किया है उसका मूल्य संप्रग सरकार के समय किए गए सौदे की तुलना में अधिक है.इसकी वजह से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.पार्टी का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस सौदे को बदलवाया और ठेका हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से लेकर रिलायंस डिफेंस को दे दिया.
बता दें कि बीजेपी ने शुक्रवार को यहां कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल विमान समझौते के बारे में लगातार झूठ बोल रहे हैं लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि देश की सवा सौ करोड़ जनता का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरा भरोसा है और कांग्रेस लाख कोशिश के बावजूद उसे डिगा नहीं सकती.
राफेल विमान सौदे को लेकर बीजेपी द्वारा राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को राहुल गांधी के लिए विशेषण गढने की बजाय राफेल मामले में तथ्यों के आधार पर जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहाmवही पीयूष गोयल (रेल मंत्री) हैं जिन पर स्वयं पर इतने बड़े- बड़े प्रश्न चिह्न लगे हुए हैं. जब पीयूष जी पर हमने प्रश्न उठाए तो निर्मला सीतारमण जी उनके बचाव में आईं. आज स्वयं रेलवे मंत्री प्रकट हुए. अपने मंत्रालय को पटरी पर रख नहीं पा रहे, रक्षा मंत्रालय के बारे में बात कर रहे हैं.