मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का पंजाब बीजेपी ने किया बहिष्कार

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का पंजाब भाजपा ने बहिष्कार करने के साथ उन पर किसान आंदोलन की आड़ में राज्य का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है।प्रदेश भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता और डॉ. सुभाष शर्मा ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में मौजूदा गड़बड़ी और खराब हालात के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।

इन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक स्वार्थ के लिए घटिया खेल खेल रहे हैं और किसानों के समर्थन की आड़ में राज्य में विघटनकारी तत्वों को उकसा रहे हैं  जिन्होंने लोगों में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा किया है और राज्य में राष्ट्र विरोधी ताकतों को भी गले लगाया है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री की तथाकथित सर्वदलीय बैठक कांग्रेस के कुकृत्यों और षड्यंत्रो को वैध बनाने के लिए एक राजनीतिक नाटक के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा किसानों के मुद्दों का समाधान खोजने की नहीं है बल्कि किसानों को अपने राजनीतिक मकसद में इस्तेमाल करने की है।

मुख्यमंत्री के सरंक्षण में प्रदेश राजनीतिक हिंसा की ओर अग्रसर है। अपराधियों को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सरेआम जानलेवा हमले करने तथा धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अपने राज धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान नेताओं के साथ अत्यंत संवेदनशीलता और सहानुभूति दिखाई है।

बारह दौर की वार्ता तक केंद्र सरकार ने यह साफ़ कर दिया गया है कि सरकार 18 महीने तक कृषि कानून लागू नहीं करने के लिए तैयार है और कानून के सभी पहलुओं पर चर्चा करने और एमएसपी तथा मंडीकरण पर लिख कर देने को तैयार है और  इस सम्बंधी निवारण के लिए एक समिति का गठन भी करने के लिए भी तैयार है।

भाजपा नेताओं के अनुसार अमरिंदर किसानों की शिकायतों के समाधान में भी फ़ायदा देख रहे हैं और राज्य में चार साल से चली आ रही अपनी दुविधाजनक सरकार पर चर्चा करने से बचने के लिए अनिश्चितता की स्थिति का उपयोग करना चाहते हैं।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और खराब करने के लिए मुख्यमंत्री का अपने कार्यालय का उपयोग  पंजाब, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कथित तौर पर करना बेहद निराशाजनक और  चिंताजनक है।

इन्होंने मुख्यमंत्री पर स्थानीय निकाय मांलय का दुरुपयोग करने और कांग्रेसियों द्वारा पंचायतों के माध्यम से ग्रामीणों यहां तक कि गैर-किसानों को अपने राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल कर विरोध स्थल तक पहुँचाने का काम करने का भी आरोप लगाया और कहा कि ग्रामीणों को सरकार उसका कहा न मानने पर दंड का सामना करने या सामाजिक बहिष्कार का सामना करने की धमकियां दी जा रही हैं।

इन नेताओं ने नई दिल्ली की सड़कों और लाल किले पर हुए घटनाक्रम की र्भत्सना करते हुये कहा कि इससे पूरा देश शर्मिंदा है जहां तिरंगे का अपमान हुआ और सुरक्षाकर्मियों को बेरहमी से पीटा गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी करनी और कथनी तथा झूठ का प्रचार के लिये आत्ममंथन करनने की नसीहत दी।

इन नेताओं ने कहा कि कृषि अध्यादेश का विरोध करने और फिर केंद्रीय कानूनों में असंवैधानिक बदलाव करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ने दो बार राज्य विधानसभा का दुरूपयोग किया।भाजपा नेताओं के अनुसार सर्वदलीय बैठक बुलाने के राजनीतिक नाटक के मंचन में ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय, मुख्यमंत्री को किसान संगठनों पर अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए उन्हें केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

प्रधानमंत्री किसानों के मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। हाल का केंद्रीय बजट इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। राजकोषीय घाटे के बावजूद, न केवल गेहूं और धान का एमएसपी बढ़ाया गया, बल्कि एपीएमसी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए अधिक धन भी आवंटन किया गया।

श्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की किसानों के लिए खुली पेशकश और केंद्र सरकार सिर्फ एक फोन कॉल दूर है और मुख्यमंत्री को भी उसी का पालन करना चाहिए।उन्होंने कहा कि भाजपा नगर निगम चुनावों के मद्देनजर गड़बड़ी पैदा करने और भाजपा उम्मीदवारों को मैदान में नहीं आने देने के कुत्सित प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री की निंदा करती है।

भाजपा ऐसी अलोकतांत्रिक प्रथाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री को चेतावनी देती है तथा प्रदेश चुनाव आयुक्त तथा राज्यपाल से मांग करती है कि प्रदेश के निकाय चुनाव अर्ध-सैनिक बालों की सुरक्षा में कराए जाएं।

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