हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी को पैसे लौटाने से किया माना

आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी मैनेजमेंट को लेटर लिखा। इसमें नीरव ने कहा मामले को उजागर कर पीएनबी ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए। बैंक की जल्दबादी में मेरा ब्रांड और धंधा चौपट हो गया। नीरव ने दावा किया कि बैंक ने जितनी देनदारी बताई हैं, उतनी है नहीं। यह 5000 करोड़ से भी कम है। साथ ही उसने अपने खातों में पड़ी रकम से 2200 कर्मचारियों को सैलरी देने की इजाजत भी मांगी।

उधर, सीबीआई ने सोमवार देर शाम पीएनबी के 3 और मैनेजरों को गिरफ्तार किया। बता दें कि 11,356 करोड़ के इस बैंक फ्रॉड में नीरव समेत उनके रिश्तेदार और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी भी आरोपी हैं। इन लोगों पर पीएनबी के अफसरों से मिलिभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में कई हजार करोड़ की रकम ट्रांसफर करने का आरोप है।

नीरव मोदी ने यह लेटर 15-16 फरवरी को लिखा था। जबकि पीएनबी ने 14 फरवरी को बैंक फ्रॉड पब्लिक किया था। इसमें नीरव ने लिखा हमारी देनदारी का गलत आंकड़ा बताने के चलते मीडिया की नजरें टिक गईं। इसके चलते तुरंत तलाशी और जब्ती होने लगी। इसका नतीजा ये निकला कि फायर स्टार इंटरनेशनल और फायर स्टार डायमंड इंटरनेशनल को कारोबार रोकना पड़ा।

इससे ग्रुप की बैंक को देनदारी चुकानी की क्षमता खतरे में पड़ गई।13 फरवरी को मैंने पैसा लौटाने का ऑफर दिया था। लेकिन, देनदारी वसूलने की जल्दबाजी में उठाए गए कदमों ने मेरे ब्रांड और बिजनेस को तबाह कर दिया। ऐसे में आपने खुद कर्ज वसूलने के अवसरों को सीमित कर लिया है।

नीरव ने देनदारी के पीएनबी द्वारा दिए आंकड़ों पर लिखा आप जानते हैं कि ये (11 हजार करोड़ से ज्यादा की देनदारी) पूरी तरह गलत है और नीरव मोदी ग्रुप की देनदारी इससे कहीं कम है। आपकी शिकायत फाइल होने के बाद भी भलमनसाहत के चलते मैंने आपको लिखा था कि कृपया मुझे फायर स्टार ग्रुप को बेचने या उसकी कीमती संपत्तियों को बेचने की इजाजत दें और अपनी देनदारी रिकवर करें।केवल फायर स्टार ग्रुप से ही नहीं, बल्कि बाकी तीन फर्म्स से भी।

भारत में मेरे बिजनेस की वैल्यू करीब 6,500 करोड़ रुपए है और इससे बैंक का कुछ कर्ज लौटाया जा सकता था। लेकिन, अब ये मुमकिन नहीं है, क्योंकि मेरे सारे अकाउंट्स फ्रीज हैं और संपत्तियां सील कर दी गई हैं। ईडी और सीबीआई ने जो कीमती सामान और संपत्तियां जब्त किया है, उनकी कीमत 5649 है, ये और दूसरी संपत्तियों से बैंक की सारी देनदारी चुकाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि ये दौर अब गुजर गया है।

मेरे भाई का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है। मेरी तीन फर्म्स और दूसरे ऑपरेशंस से उसका कोई लेना-देना नहीं है। मेरी पत्नी भी मेरे किसी बिजनेस से नहीं जुड़ी है, उसका नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है। मेरे अंकल का नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है, क्योंकि उनका खुद का बिजनेस है और उन्हें आपके बैंक से मेरे लेन-देन के बारे में जानकारी नहीं है। मैंने जो भी किया है, उसके नतीजे का सामना मैं करूंगा।

सीबीआई ने सोमवार देर शाम पीएनबी के 3 और मैनेजर गिरफ्तार कर लिए। इनमें फॉरेक्स डिपार्टमेंट के तत्कालीन चीफ मैनेजर बच्चू तिवारी, फॉरेक्स डिपार्टमेंट के स्केल-2 मैनेजर यशवंत जोशी और एक्सपोर्ट सेक्शन में तैनात स्केल-1 अधिकारी प्रफुल्ल सावंत का नाम शामिल है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

ईडी ने सोमवार को नीरव के वर्ली में समुद्र महल स्थित अपार्टमेंट और सीबीआई ने लोअर परेल स्थित दफ्तर में छापे मारे। कई शहरों में 38 जगह छापे मारकर 22 करोड़ रु. के हीरे और ज्वेलरी जब्त की गई। अब तक 5,716 करोड़ रु. का सामान जब्त हो चुका है। इनकम टैक्स ने गीतांजलि ग्रुप और मेहुल चौकसी की 7 और प्रॉपर्टी अटैच कर लीं।

गीतांजलि जेम्स को 2013 में लोन देने के मामले ईडी की टीम इलाहाबाद बैंक के पूर्व डायरेक्टर दिनेश दुबे के वड़ोदरा स्थित घर पहुंची। वहीं, ईडी ने बिहार के मुजफ्फरनगर में नक्षत्र और पुणे के मॉल में गीतांजलि के शो रूम समेत महाराष्ट्र में 4 ठिकानों पर छापेमारी की।घोटाले में गिरफ्तार हुए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्‌टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव के अॉथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट ने पूछताछ में सीबीआई के सामने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।

आरोपियों ने बताया कि स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन के लिए अकाउंट डिटेल और पासवर्ड नीरव की टीम के पास थे। जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है। नीरव के लाेग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से सिस्टम में लॉग इन करते थे।सूत्रों की मानें तो आरोपियों को बदले में कमीशन मिलता था। हर एलओयू और स्विफ्ट सिस्टम के अवैध एक्सेस पर प्रतिशत तय था। यह रकम घोटाले में शामिल कर्मचारियों के बीच बंटती। करीब आधा दर्जन बैंक कर्मचारियों और बाहरी लोगों का हाथ भी घोटाले है।

सीबीआई को पीएनबी में 11,394 करोड़ रु. के घोटाले की रकम ज्यादा होने की आशंका है। जांच एजेंसी ने रविवार को सभी बैंकों से उनके यहां एलओयू में हुई गड़बड़ियों की रिपोर्ट मांगी।सूत्रों के मुताबिक, कई एलओयू मई, 2018 में मैच्योर होंगे। ऐसे में घोटाले की रकम 11,394 करोड़ रु. से कहीं ज्यादा हो सकती है। इसी बीच, पीएनबी के 10 सस्पेंड कर्मचारियों से सीबीआई ने 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की।

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़ी 200 से ज्यादा शेल कंपनियां जांच के दायरे में हैं। इनका इस्तेमाल घोटाले की रकम की रूटिंग के लिए किया जाता था।सीबीआई गीतांजलि ग्रुप की 18 एसोसिएट कंपनियों की बैलेंस शीट की भी जांच कर रही है। बैंक अफसरों से इन कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग की रकम खपाने की जानकारी मिली है।

नीरव-मेहुल के 15 शहरों में 45 और ठिकाने खंगाले गए। बेंगलुरू, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद, पटना, लखनऊ, अहमदाबाद, श्रीनगर और जालंधर में हुई कार्रवाई के दौरान 20 करोड़ रु. के हीरे और सोना जब्त किया गया। अब तक 5,694 करोड़ रु. के हीरे, सोना और ज्वैलरी जब्त किए जा चुके हैं।ईडी ने जयपुर में गीतांजली जेम्स की 10.44 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की।

कंपनी का एक बैंक खाता भी फ्रीज कर लिया। इसमें एक करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है। शॉपर्स स्टॉप के दो शोरूम से कुल 1.63 करोड़ रुपए की ज्वेलरी जब्त की गई।पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाले को पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *