लोग जांच एजेंसियों, सत्ता और पुलिस के डर के साये में जी रहे हैं : कपिल सिब्बल

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने केंद्र पर परोक्ष हमला करते हुए आरोप लगाया कि लोग जांच एजेंसियों, सत्ता और पुलिस के डर के साये में जी रहे हैं।धर्म का एक हथियार के रूप में इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए, राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने कहा कि भले ही यह पूरी दुनिया में हो रहा हो भारत धर्म के इस्तेमाल का एक ज्वलंत उदाहरण है।

सिब्बल ने कहा यह पूरी दुनिया में हो रहा है। कल लेस्टर में जो घटना हुई वह पूरी तरह से असहिष्णुता थी। हम सभी जानते हैं कि वहां क्या हुआ था। अब वहां भी ये चीजें पहुंच गई हैं। असली समस्या यह है कि आज भारत में नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने में जो शामिल हैं, वे एक खास विचारधारा का हिस्सा हैं। पुलिस कुछ भी करने को तैयार नहीं है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री रूपा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक रिफ्लेक्शंस: इन राइम एंड रिदम के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर मुकदमा नहीं चलाया जाता है और इसलिए वे उसी तरह का एक और भाषण देने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

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