सुप्रसिद्ध पंडवानी गायक पद्मश्री पूनाराम निषाद का निधन हो गया.उनके परिजनों ने यह जानकारी रविवार को दी. निषाद के निधन से पूरे प्रदेश में शोक है. उनकी अंतिम यात्रा रविवार सुबह निकाली गई.मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने निषाद के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा कि निषाद के निधन से छत्तीसगढ़ में महाभारत कथा गायन की लोकप्रिय विधा पंडवानी के एक सुनहरे युग का अंत हो गया. वह पंडवानी की वेदमती शैली के लोकप्रिय गायक थे.
उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा के बल पर पंडवानी को देश-विदेश में जन-जन तक पहुंचाकर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया. राज्य की लोक-संस्कृति के विकास में उनके ऐतिहासिक योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.कुछ समय से बीमार पूनाराम निषाद का निधन रायपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुआ. उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया था.
वह दुर्ग जिले के ग्राम रिंगनी के निवासी थे. उन्होंने 10 वर्ष की उम्र से ही पंडवानी गायन शुरू कर दिया था.निषाद को फिलहाल उनके बेटे और शिष्या का साथ था. ये दोनों ही उनका इलाज करा रहे थे. उनकी देखरेख करने वाली कलाकार रमा दत्ता जोशी और बेटे रोहित निषाद ने बताया कि निषाद के फेफड़े में संक्रमण हो गया था. निमोनिया की वजह से उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. उनके बेटे रोहित मजदूरी कर घर की जरूरतें पूरी कर रहे हैं.