दिल्ली में डेंगू से अब तक 22 मौत

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दिल्ली में रविवार शाम 36 साल की एक महिला की संदिगध डेंगू से मौत होने के कारण इस रोग से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गयी है.दिल्ली सरकार ने दावा किया कि राजधानी में इस वेक्टर जनित रोग से निबटने के लिए व्यवस्था में सुधार हो रहा है. मृतक महिला अनीता शर्मा के परिजनों ने उस निजी अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया है जहां पहली बार उनका उपचार किया गया.

स्थानीय निकायों ने हालांकि अभी तक आधिकारिक आंकड़े को अद्यतन नहीं किया है और यह पांच ही बना हुआ जबकि दिल्ली में इस मौसम में डेंगू से 22 मौतें हो चुकी हैं.अनीता के एक परिजन ने कहा, ‘‘उन्हें बुखार के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वहां उनका समुचित उपचार नहीं हुआ.’’

परिजन ने कहा, ‘‘हम उन्हें एक सरकारी अस्पताल ले गये जहां उन्हें डेंगू होने की बात पता चली. इसके बाद उन्हें ईडब्लूएस श्रेणी में एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. आज शाम विभिन्न अंग विफल होने के कारण उनकी मृत्य हो गयी.’’हजारों रोगियों का डेंगू का परीक्षण करवाने के लिए अस्पतालों के बुखार क्लीनिकों में तांता लगा हुआ जबकि कई अन्य को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है.

सफदरजंग अस्पताल के एक डाक्टर ने कहा, ‘‘आज भी (रविवार को) बड़ी संख्या रोगी बुखार क्लीनिकों में पहुंचे जो शहर में डेंगू संकट से निबटने के लिए गठित की गयी हैं.’’अस्पताल के एक डाक्टर ने कहा, ‘‘लोग अभी तक अफरातफरी में जी रहे हैं क्योंकि मामले कम नहीं हो रहे. कई रोगी मामूली बुखार होने पर परीक्षण करवाने के लिए अस्पताल में इस भय से आ जाते हैं कि कहीं उन्हें यह रोग न हो गया हो.’’

इस बीच दिल्ली सरकार ने आज दावा किया कि वह इस घातक रोग के खिलाफ लड़ाई जीत रही है.उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब स्वास्थ्य स्थिति बेहतर है तथा हम डेंगू के खिलाफ लड़ाई जीत रहे हैं क्योंकि स्थिति सुधर रही है.’’ डेंगू के कारण इस वर्ष 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि 2000 से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं.इस रोग से जान गंवाने वाला अभी तक का अंतिम व्यक्ति दक्षिणी दिल्ली का 38 वर्षीय हरीश चौहान रहा. उसकी मौत कल प्रकाश में आयी और आरोप है कि उसकी मौत चिकित्सकीय लापरवाही से हुई.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार को इस समस्या से निबटने के लिए जो भी सहयोग होगा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह आरोप.प्रत्यारोप का समय नहीं है.
दिल्ली के भाजपा शासित नगर निगम और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी इस समस्या से निबटने की अपर्याप्त तैयारियों के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. नड्डा ने कहा कि घबराने को कोई जरूरत नहीं है. किन्तु उन्होंने जनता को सलाह दी कि वे संकट से निबटने के लिए सतर्क रहे तथा आरोप प्रत्यारोप के खेल में न उलझे.

नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को एक ताजा परामर्श जारी कर मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपायों को तेज करने को कहा है. नड्डा ने कहा कि अस्पतालों से कहा गया है कि रोगियों को न लौटा जाए और उनसे अधिक धन नहीं वसूल किया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप प्रत्यारोप में उलझने का समय नहीं है. हमने 12 परामर्श जारी किये हैं.’’

इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आज जनकपुरी के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल का औचक निरीक्षण कर डेंगू रोगियों के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की.जैन ने जनकपुरी के सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल में डेंगू रोगियों के उपचार की तैयारियों की समीक्षा की. इस अस्पताल में हाल में 200 नये बिस्तरों की व्यवस्था की गयी है ताकि बड़े डेंगू रोगियों की व्यवस्था की जा सके. स्वास्थ्य मंत्री जैन ने स्कूल प्रबंध समिति के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की ताकि राष्ट्रीय राजधानी में 1100 सरकारी स्कूलों में डेंगू जागरूकता का प्रचार किया जा सके.

इस बीच राजधानी में हुए एक अन्य घटना क्र म में मेयर की अगुवाई वाली दिल्ली नगर निगम की एक टीम को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर डेंगू मच्छर प्रजनन की जांच करने की कथित रूप से अनुमति नहीं दी गयी. किन्तु दिल्ली सरकार ने कहा कि वे केवल नाटक करने के मकसद से आये थे.भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रवीन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘हम सिविल लाइंस में सुबह साढ़े आठ बजे मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर गये थे. लेकिन मुझे तथा डेंगू प्रजनन जांच कर्ता सहित निगम के सभी कर्मचारियों को बंगले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी.’’बहरहाल, दिल्ली सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘‘कल ही मुख्यमंत्री आवास में फागिंग हुई है तो वे 14 फागिंग मशीन लेकर आज क्यों चले आये.’’

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