नीरव मोदी की टीम बिना किसी रोकटोक के पीएनबी का कम्प्यूटर सिस्टम इस्तेमाल करती थी। लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी सभी लॉग इन-पासवर्ड उनके पास थे। पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव के अॉथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट ने पूछताछ में सीबीआई के सामने ये खुलासा किया।
उधर, सीबीआई ने रविवार रात पीएनबी की ब्रेडी रोड ब्रांच पर छापा मारकर डॉक्युमेंट्स की जांच शुरू कर दी। सोमवार को भी छापा जारी रह सकता है। सारा घोटाला इसी ब्रांच से हुआ है। नीरव और मेहुल से जुड़ी 200 से ज्यादा फर्जी कंपनियां जांच के दायरे में हैं। इनका इस्तेमाल घोटाले की रकम की रूटिंग के लिए किया जाता था।
एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको और एक्सिस बैंक की हांगकांग ब्रांच के अफसर भी जांच के घेरे में हैं। यहीं से पीएनबी के फर्जी एलओयू पर नीरव व मेहुल की कंपनियों को कर्ज दिया गया।जेम्स-सेक्टर में एलओयू की समयसीमा 90 दिन है। लेकिन पीएनबी से ये 365 दिन के लिए जारी हुए। दूसरे बैंकों के अधिकारी अगर ध्यान देते तो घोटाला पहले ही पकड़ा जाता।
हांगकांग में 11 भारतीय बैंकों की ब्रांच हैं। अभी तक एसबीआई ने 1,357 करोड़, यूनियन बैंक ने 1,920, यूको बैंक ने 2,635 और इलाहाबाद बैंक ने 2,000 करोड़ रुपए फंसे होने की जानकारी दी है।सीबीआई को पीएनबी में 11,394 करोड़ रु. के घोटाले की रकम ज्यादा होने की आशंका है। जांच एजेंसी ने रविवार को सभी बैंकों से उनके यहां एलओयू में हुई गड़बड़ियों की रिपोर्ट मांगी।
सूत्रों के मुताबिक, कई एलओयू मई, 2018 में मैच्योर होंगे। ऐसे में घोटाले की रकम 11,394 करोड़ रु. से कहीं ज्यादा हो सकती है।इसी बीच, पीएनबी के 10 सस्पेंड कर्मचारियों से सीबीआई ने 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। नीरव के सीएफओ विपुल अंबानी से भी पूछताछ की गई।विपुल रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी के चचेरे भाई हैं। सीबीआई गीतांजलि समूह की 18 सहायक कंपनियों की बैलेंस शीट भी जांच रही है।
लगातार चौथे दिन नीरव-मेहुल के ठिकानों पर ईडी के छापे जारी रहे। 15 शहरों में 45 और ठिकाने खंगाले गए। बेंगलुरू, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद, पटना, लखनऊ, अहमदाबाद, श्रीनगर और जालंधर में हुई कार्रवाई के दौरान 20 करोड़ रु. के हीरे और सोना जब्त किया गया। अब तक 5,694 करोड़ रु. के हीरे, सोना और ज्वैलरी जब्त किए जा चुके हैं।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन के लिए अकाउंट डिटेल और पासवर्ड नीरव की टीम के पास थे। उनके पास स्विफ्ट सिस्टम का पासवर्ड था, जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है। नीरव के लाेग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन करते।
सूत्रों की मानें तो आरोपियों को बदले में कमीशन मिलता था। हर एलओयू और स्विफ्ट सिस्टम के अवैध एक्सेस पर प्रतिशत तय था। यह रकम घोटाले में शामिल कर्मचारियों के बीच बंटती।पूछताछ में करीब आधा दर्जन बैंक कर्मचारियों और अन्य बाहरी लोगों का हाथ भी घोटाले में पता चला है।
ईडी ने जयपुर में गीतांजली जेम्स की 10.44 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। कंपनी का एक बैंक खाता भी फ्रीज कर लिया है। इसमें एक करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है।शॉपर्स स्टॉप के दो शोरूम से कुल 1.63 करोड़ रुपए के आभूषण जब्त हुए हैं। सीतापुरा सेज स्थित स्टार डायमंड नामक यूनिट से 2.58 करोड़ रु. का माल जब्त किया गया। शनिवार को 6 करोड़ रु. से ज्यादा का माल जब्त किया था।
पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाले को पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।