प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष वायुसेना की कार्रवाई पर सवाल उठा कर उसका मनोबल कम कर रहा है। मोदी ने कहा एयरस्ट्राइक पाक में हुई लेकिन इसका सदमा भारत में बैठे कुछ लोगों को लगा।
विपक्ष के नेता उस दिन से इस तरह से चेहरा लटकाए हुए हैं जैसे न जाने कौन सा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो।मोदी ने कहा पहले मुझे 16 फरवरी को धार आना था, लेकिन पुलवामा में आतंकी हमले के कारण वो कार्यक्रम टल गया था।
आज ऐसे समय आपके बीच आया हूं, जब उस हमले का हमारी वायुसेना ने आतंकियों के घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने अब आतंकियों और आतंक के सरपरस्तों को डंके की चोट पर कह दिया है कि अब उनके सामने सुधरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
फिर भी नहीं सुधरेंगे तो क्या करेंगे, क्या होगा, ये भी बता दिया गया है।प्रधानमंत्री ने कहा हमारी सेना के पराक्रम पर आपको गर्व है कि नहीं। आपको लगता है कि उन्होंने सही किया, पूरे देश को लगता है कि हमने सही किया। सारी दुनिया ने कह दिया कि हिंदुस्तान के सामने यही रास्ता था।
हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहां कुछ ऐसे लोग हैं, जिनको ऐसा नहीं लगता है। सबसे लंबे समय तक देश में शासन किया, जिस पार्टी के नेताओं ने हमारी पराक्रमी सेना के हाथ बांधकर रखे थे, उसके नेता अब हमारे वीर जवानों के सामर्थ्य पर सवाल उठा रहे हैं।
भारत में महामिलावट करने वाले लोग अब अंतरराष्ट्रीय महामिलावट करने में लगे हैं। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पाक के साथ मिलकर ऐसा कर रहे हैं। यहां ये लोग मोदी को गाली देते हैं और पाकिस्तान में इनके लिए तालियां बजती हैं।
आजकल ये महामिलावटी लोग पाकिस्तान के पोस्टरबॉय भी बन गए हैं।मोदी ने कहा मध्यप्रदेश के एक नेता जरा और आगे नजर आते हैं। साथियों आज सुबह ही इन महाशय ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले को दुर्घटना करार दिया है।
ये ऐसे ही नहीं बोले हैं, ये इनकी मानसिकता है और ये इनकी रगों में पड़ा हुआ है।आतंकियों को बचाने, उनका पक्ष लेने के लिए ये उनके हमले को हादसा बता रहे हैं। क्या पुलवामा में जो हुआ, वह हादसा था? उनके राक्षसी कृत्य की गंभीरता को कम करने की कोशिश है कि नहीं।
ये नामदार परिवार के खास सिपहसलार हैं, जिन्हें आतंक को बढ़ावा देने वाले शांतिदूत नजर आने लगे हैं। इन्हें ओसामा बिन लादेन शांतिदूत लगता था। मुंबई हमले में इन्होंने ही पाक को क्लीन चिट दी थी और जांच की दिशा को भटकाने का काम किया था।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मालवा भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। धार लोकसभा में आठ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से सात कांग्रेस के पास हैं। जबकि 2013 के विधानसभा में यहां की पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भाजपा को सबसे कम सीटें धार जिले से ही मिली थीं।