फर्जी भर्ती घोटाले में दिग्विजय सिंह ने किया सरेंडर

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मध्य प्रदेश में 1993 से 2003 के बीच फर्जी अप्वॉइंटमेंट के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शनिवार को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जमानत कराने कोर्ट पहुंचे। इस बीच उनके बंगले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सुबह से ही पहुंच गए थे। सभी उनके साथ कोर्ट आए।

सुप्रीम कोर्ट से पहुंचे दिग्विजय सिंह के वकील विवेक तन्खा ने कोर्ट में जमानती आवेदन पेश करते हुए कहा कि शुक्रवार को कोर्ट ने वारंट जारी किया और शनिवार को दिग्विजय सिंह ने सरेंडर कर दिया है। अब कोर्ट इस मामले में दोपहर 3 बजे सुनवाई करेगी।दिग्गी के लिए कांग्रेस नेता गोविंद गोयल ने जमानत पेश की।

दिग्गी के वकील विवेक तन्खा ने कहा, कम समय में मिला नोटिस।करीब पौन घंटे तक दिग्विजय सिंह को अपने मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट रूम से बाहर बैठना पड़ा।कोर्ट जाते समय दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह फॉर्चुनर गाड़ी ड्राइव कर रहे थे, जबकि दिग्विजय सिंह फ्रंट सीट पर बैठे थे।

मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में 1993 से 2003 के बीच फर्जी अप्वॉइंटमेंट के मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। सुनवाई के दौरान वे जिला कोर्ट में मौजूद नहीं थे। इसलिए अब उन्हें कोर्ट में बॉन्ड भरकर बेल लेनी पड़ रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा कि अगर एमपी पुलिस चाहे, तो उन्हें अरेस्ट कर सकती है। दिग्विजय पर है नजदीकियों के लिए नियम तोड़ने का आरोप।

शुक्रवार को जहांगीराबाद पुलिस ने दिग्विजय समेत आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।जिला कोर्ट में लोकायुक्त के स्पेशल जज काशीनाथ सिंह की अदालत में चालान पेश किया गया। विधानसभा सचिवालय में फर्जी अप्वॉइंट के मामले में पिछले साल मामला दर्ज किया था।आरोप है कि दिग्विजय ने सीएम रहते 1993 से 2003 में सचिवालय में अपने नजदीकियों को नियम के बाहर जाकर अप्वॉइंट किया।

नियम के खिलाफ जाकर प्रमोशन भी दिया गया।विधानसभा में मार्शलों की अप्वॉइंटमेंट भी विवादों में रही।इसी मामले में पुलिस ने 27 फरवरी, 2015 को एफआईआर दर्ज कर दिग्विजय समेत 19 लोगों को आरोपी बनाया था।एमपी विधानसभा सचिवालय में अप्वॉइंटमेंट के मामले में जज काशीनाथ सिंह ने लिखा कि दिग्विजय सिंह का सूचना पत्र बी -1 श्यामला हिल्स में तामील कराया गया है।

उन्हें ई-मेल के जरिए भी नोटिस तामील हुआ है, जिसकी डिलिवरी रिपोर्ट पेश की गई है।चालान पेश होने की सूचना मिलने के बाद भी दिग्विजय अदालत में हाजिर नहीं हुए।उनके वकील अजय गुप्ता ने एक अर्जी पेश कर समय मांगा था।गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को उज्जैन में दलित महाकुंभ का आयोजन रखा है।यह प्रोग्राम पहले से तय था। इस कारण वे कोर्ट में पेश नहीं हो सके।सरकारी वकील ने इस पर आपत्ति की। इसके बाद अदालत ने दिग्विजय का अरेस्ट वारंट जारी कर दिया।

इस बीच, कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय ने दावा किया है कि स्मृति ईरानी बीजेपी से पहले कांग्रेस में शामिल होना चाहती थीं।इंदौर मे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि स्मृति राजनीति में आने से पहले कई पार्टियों के दफ्तरों के चक्कर लगा चुकी हैं।बीजेपी में शामिल होने के 15 दिन पहले वो कांग्रेस में शामिल होना चाहती थीं।दिग्विजय सिंह ने कहा, “वे एचआरडी मिनिस्टर हैं, पर अभी तक उनकी डिग्री के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया।

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