169 दिन बाद एक बार फिर दिल्ली में शुरू हुई मेट्रो, यात्रियों में दिखा उत्साह

कोरोना संक्रमण की वजह से 22 मार्च को बंद हुई दिल्ली मेट्रो 169 दिन के बाद आखिरकार लोगों के लिए शुरू हो गई। इसकी शुरुआत करने को लेकर मेट्रो की तरफ से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई थी।सप्ताह के पहले दिन, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सुबह से ही लोगों में मेट्रो से अपने दफ्तर जाने को लेकर उत्साह देखा गया।

सभी यात्रियों ने मुंह पर मास्क लगाए और उचित दूरी के साथ अपना सफर शुरू किया। हालांकि यात्रियों को मेट्रो में नियमों का पालन करने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं, यदि कोई यात्री ऐसा नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीएमआरसी की तरफ से पहले ही साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर यात्री किसी स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं तो उन स्टेशनों पर भी मेट्रो नहीं रोकी जाएगी।दिल्ली निवासी नवन सोडी ने बताया अभी तो यहां प्रोटोकॉल के मुताबिक ठीक है, अंदर जाकर पता चलेगा, अपने भी सुरक्षा का ध्यान रखना है।

सब कुछ खुल चुका है। हम अपनी सुरक्षा के साथ कैसे चलते है, यह हम पर भी निर्भर करता है।रुक्सार अहमद ने बताया बसें चल चुकीं है। यात्री सुरक्षित रहेंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि डीएमआरसी कैसे इसका ध्यान रखता है।

सोमवार को सबसे पहली मेट्रो येलो लाइन (समयपुर बादली-हुड्डा सिटी सेंटर) पर चलनी शुरू हुई और 12 सितंबर तक मेट्रो की सभी लाइनों पर परिचालन होने लगेगा। पहले चरण में दिल्ली मेट्रो दो पालियों में सुबह 7 से 11 बजे तक और दोपहर बाद 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी।

दूसरे फेज में ट्रेनें सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और शाम 4 बजे से रात 10 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगी। 12 सितंबर से मेट्रो की सर्विस सामान्य रूप से शुरू हो जाएगी।यात्रियों की मेट्रो में सफर करने से पहले स्टेशन की एंट्री पॉइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग की गई, वहीं लोगों ने सैनिटाइजेशन मशीन से हाथों को सैनिटाइज भी किया।

जिन यात्रियों में कोविड के लक्षण दिखाई देंगे, उन्हें मेट्रो में यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेट्रो के स्टेशन में दाखिल होते ही आपके बैग को भी सैनिटाइज करने का इंतजाम किया गया है। यात्रियों को एक-दूसरे से हमेशा 1 मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी।

फ्रिस्किंग पॉइंट्स, कस्टमर केयर, एएफसी गेट्स समेत सभी जगहों पर निशान बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
मेट्रो परिसर को एक निर्धारित समय सीमा पर सैनिटाइज किया जाता रहेगा और अधिकतर उन चीजों को किया जाएगा जो कि इंसानों के सबसे ज्यादा संपर्क में आएगी।

जैसे लिफ्ट, एस्केलेटर की हैंड रेट्स, एएफसी गेट्स के टच पॉइंट्स हों या कस्टमर हैंडलिंग पाइंट्स।मेट्रो के अंदर नियमित रूप से अनाउसमेंट होती रहेगी जिससे कि यात्री सफर करते वक्त नियमों का पालन कर सके।

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