लोकसभा में हुआ आधार संशोधन विधेयक पास

आधार संशोधन विधेयक को लोकसभा में पास हो गया। विधेयक पर करीब साढ़े चार घंटे चली बहस के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विधेयक में नागरिकों की निजता और इसके दुरुपयोग को रोकने पर भी ध्यान दिया गया।

उन्होंने कहा, सरकार जल्द ही डेटा संरक्षण विधेयक लाएगी। इसकी प्रक्रिया जारी है। प्रसाद ने कहा कि आधार के इस्तेमाल को अत्यंत सुरक्षित बनाया गया है। इसका डाटा सार्वजनिक करने पर जेल और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

दुरुपयोग की स्थिति में जेल और एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने सदस्यों को अपना आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि इसमें सिर्फ नाम है, घर का पता है, फोटो है। इसमें व्यक्ति की जाति या धर्म का उल्लेख नहीं है।

इसके अलावा कोई जानकारी नहीं है। कोई व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में आधार में संकलित जानकारियों का खुलासा नहीं कर सकता है।उन्होंने कहा, देश के 130 करोड़ में से 123 करोड़ लोगों ने आधार को स्वीकार किया है।

आधार के जरिए डायरेक्ट ट्रांसफर से देश को करीब 90 हजार करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पारित किया गया। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि बैंकों और मोबाइल कंपनियों में केवाईसी फॉर्म में आधार वैकल्पिक होगा।

आधार नहीं होने पर कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आधार के कारण देश को बड़ा लाभ हुआ। इसकी वजह से देश का 1.48 लाख करोड़ रु का नुकसान बचा है। इसके इस्तेमाल से 4.23 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन कटे हैं और 2.98 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं।

रविशंकर ने कहा, भारतीय आधार व्यवस्था की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रसारण मंत्री के तौर पर वह विदेश जाते हैं तो कई देशों के लोग आधार से जुड़ी जानकारियों के बारे में उनसे पूछते हैं और अपने देश में इसे लागू करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी प्रतिष्ठित लोग भारत की आधार व्यवस्था की प्रशंसा कर पूरी दुनिया को इसके इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं।चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा आधार के करिश्मे के पीछे आपका क्या आधार है?

आपने आधार हमसे उधार लिया है। आप पहले कहते थे कि यह निराधार है, लेकिन अब आधार के आधार पर ढिंढोरा पीट रहे हैं।उन्होंने कहा कि विधेयक में निजता के अधिकार का हनन किया गया।

उन्होंने अध्यादेश लाए जाने का विरोध किया और कहा कि सरकार लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। इस विधेयक को डाटा सुरक्षा विधेयक के साथ लाया जाना चाहिए था।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *