कर्नाटक में मंत्रिमंडल में बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा के लिए कुमारस्वामी दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने उनके घर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती से मुलाकात की और चुनाव में साथ देने के लिए शुक्रिया कहा। बता दें कि बुधवार शाम 4.30 बजे कुमारस्वामी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
सोनिया और राहुल के अलावा कुमारस्वामी ने मायावती से भी दिल्ली में मुलाकात की। बसपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी शपथ ग्रहण में शामिल होने की संभावना है।इनके अलावा गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में पिनाराई विजयन (केरल), अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), ममता बनर्जी (प. बंगाल), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना), एन चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश) के शपथ ग्रहण में शामिल होने की उम्मीद है।
कुमारस्वामी ने सीपीआई महासचवि सीताराम येचुरी को फोन पर शपथ ग्रहण में आने का न्योता दिया है।जेडीएस-कांग्रेस सत्ता में 30-30 महीने की साझेदारी करने की खबरें हैं। कुमारस्वामी से इसी पर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है।कुमारस्वामी ने सोमवार को सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि मैंने दोनों नेताओं से शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहने का निवेदन किया,जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।उधर, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार बनाने पर फैसला हमारा हाईकमान करेगा। हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं। जेडीएस को हमने समर्थन दिया है, जो एक क्षेत्रीय पार्टी है।
सभी मूल्यों के साथ हमें ये ध्यान रखना होगा कि हमने समर्थन दिया है तो हमें सत्ता में हिस्सा मिले।कुमारस्वामी ने बताया कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। माना जा रहा है कि राहुल-सोनिया से मुलाकात के दौरान ही इस बात पर चर्चा हुई है कि कांग्रेस-जेडीएस के कितने-कितने विधायक मंत्री बनेंगे।
बता दें कि शनिवार रात कांग्रेस-जेडीएस के बीच हुई बैठक में सत्ता के बंटवारे पर चर्चा हुई थी।कयास लग रहे हैं कि कर्नाटक में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर ने इस बात की ओर इशारा किया है।माना जा रहा है कि कांग्रेस परमेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाएगी। जेडीएस ने भी दो उपमुख्यमंत्री होने की बात से इनकार नहीं किया है।
कर्नाटक में भाजपा को 104, कांग्रेस 78 और जेडीएस गठबंधन को 38 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है।इससे पहले राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के आधार पर भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया था।
येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी।लेकिन उन्होंने शनिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव का सामना किए बिना ही पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था।
कुमारस्वामी ने सरकार में साझेदारी के फॉर्मूला पर जनवरी 2006 में 20-20 महीने के लिए भाजपा के साथ सरकार बनाई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने भाजपा को सत्ता का नेतृत्व सौंपने से इनकार कर दिया था। लिहाजा, सरकार गिर गई थी। इसके बाद 2008 में हुए चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला और येद्दयुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे।