कोरियाई कंपनियों को भारत आने का न्‍योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा का आज आखिरी दिन है। तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में मोदी दक्षिण कोरिया में हैं। यहां उन्होंने मेजबान राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ-साथ भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की। यात्रा के आखिरी दिन वे सियोल में सीईओ फोरम पहुंचे और कोरियाई कपनियों के सीईओ से भी मिले। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत क्षमताओं का देश है और उनकी सरकार आने के बाद यहां कारोबार का माहौल बदल चुका है। उन्होंने कहा कि भारत और कोरिया में कई समानताएं हैं।

कोरिया में बॉलीवुड फिल्में बहुत लोकप्रिय हैं। प्रेसिंडेट पार्क ने भी कुछ ऐसे संबंधों का अपने भाषण में जिक्र किया।.भारत में कोरिया की चीजें काफी लोकप्रिय सियोल में सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मेजबान देश की प्रगति की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि कोरिया ने जो किया, उसमें से बहुत कुछ हम अपने यहां भी करना चाहते हैं। दोनों देशों में कारोबार काफी बढ़ा है। भारत में कोरिया की चीजें काफी लोकप्रिय हैं।रेलवे में 100 फीसद एफडीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन के बाद कई कंपनियों के सीईओ से भी मिले। भारत में काफी लोकप्रिय हुंडई कंपनी के चेयरमैन चुंग मोंग कू और डूसन ग्रुप के चेयरमैन मिस्टर वाईएम पार्क से भी मिले। उन्होंने निवेशकों को भारत में बढ़ती एफडीआई का जिक्र करते हुए न्योता दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरिया की करीब 100 कंपनियां भारत में हैं। हम रेलवे में 100 फीसद एफडीआई खोल रहे हैं। भारत का सॉफ्टवेयर और कोरिया का हार्डवेयर बेहतरीन है। भारत में हाउसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी संभावनाएं हैं।

एक एशिया को बनाएं मकसद सियोल में एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि विकास के लिए क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर हमें ‘एक एशिया’ को अपना मकसद बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एशिया को एक होकर उभरना है तो इसे खुद को क्षेत्रीय टुकड़ों में देखना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत एशिया के दोराहे पर स्थित है। हम इंटर-कनेक्टेड एशिया बनाना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया ने भारत को बुनियादी ढांचा विकास और अन्य विविधीकृत क्षेत्रों के लिए 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।

दक्षिण कोरिया ने भारत को बुनियादी ढांचा विकास, स्मार्ट शहरों के विकास, रेलवे, बिजली उत्पादन और अन्य विविधीकृत क्षेत्रों के लिए 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंध का स्तर बढ़ा कर इसे ‘विशेष रणनीतिक भागीदारी’ के स्तर पर पहुंचाने पर सहमति जताई है।

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