दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इसमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और बीएस येदियुरप्पा मौजूद थे। मीटिंग के बाद देर रात कर्नाटक के लिए पार्टी ने अपने कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी कर दी।
75 साल के येदियुरप्पा लिंगायत नेता हैं। राज्य में 17% लिंगायत वोटर हैं। वे 2007 में एक बार सात दिनों के लिए और बाद में 2008 में सीएम बने। 2008 में उन्होंने अपने दम पर भाजपा को जिताया। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पार्टी की ओर से उन पर दबाव बना।
उन्हें 2011 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इससे नाराज होकर येदियुरप्पा ने 2012 में भाजपा ही छोड़ दी और कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन किया। उनके पार्टी से अलग होने के बाद 2013 में भाजपा चुनाव हार गई। उसे सिर्फ 40 सीटें मिलीं।
2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त मोदी उन्हें फिर बीजेपी में ले आए। इस चुनाव में भाजपा को राज्य की 28 में से 17 लोकसभा सीटें मिलीं।69 साल के सिद्धारमैया 2013 से मुख्यमंत्री हैं। इनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पिछली बार भाजपा को हराकर 122 सीटें जीतीं।
उन्होंने पिछले कुछ वक्त से एक ऐसे नेता के रूप में अपनी छवि बनाने की कोशिश की है, जो भाजपा के हिंदी और हिंदू के नारे का विरोध करता है। वे अपने भाषणों में कन्नड़ और दक्षिण भारतीय अस्मिता की बात करते रहे हैं।सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से हैं। कुल आबादी में इनकी 8% हिस्सेदारी है। उन्होंने भाजपा को रोकने के लिए लिंगायतों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का कार्ड खेला है।