हरियाणा-राजस्थान के जींद और रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आज

हरियाणा के जींद और राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट पर 28 जनवरी को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। इसके लिए वोटों की गिनती जारी है। जींद में 75.72% और रामगढ़ में 79.14% वोट पड़े थे।

जींद में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा, जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला और कैथल से कांग्रेस विधायक रणदीप सुरजेवाला के बीच मुकाबला है। वहीं, रामगढ़ में कांग्रेस की सफिया जुबेर खां, भाजपा के सुखवंत सिंह और बसपा के जगत सिंह के बीच टक्कर है।

यहां तीसरे राउंड तक कांग्रेस 25300 वोटों पाकर आगे चल रही है। जींद में पहले राउंड की मतगणना चल रही है।तीन राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस की सफिया जुबेर खां 9895 वोटों से आगे चल रही हैं।  तीन राउंड के बाद उन्हें 9000 वोट मिले।

भाजपा के सुखवंत सिंह 15405 वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं।2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जींद से हरिचंद मिड्‌ढा इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर जीते थे। उनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई। उनके बेटे कृष्ण मिड्‌ढा यहां से भाजपा प्रत्याशी हैं।

नवगठित जननायक जनता पार्टी (जजपा) से दिग्विजय चौटाला को उतारा गया है। दिग्विजय पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को जींद में प्रत्याशी बनाकर मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है।

वहीं, इनेलो ने उमेद रेडू को समर्थन दिया है।जींद विधानसभा में 12 बार हुए चुनाव में 5 बार कांग्रेस, 4 बार लोकदल-इनेलो ने जीत दर्ज की। एक-एक बार हरियाणा विकास पार्टी, एनसीओ और निर्दलीय विधायक ने जीत हासिल की। कांग्रेस नेता मांगेराम गुप्ता यहां से 4 बार जीते।

2009 में इनेलो नेता हरिचंद मिड्‌ढा ने गुप्ता को हराया। 2014 में मिड्‌ढा ने इनेलो से भाजपा में आए सुरेंद्र बरवाला को 1.86% यानी 2257 वोट से हराया था।जींद में 28 जनवरी को 75.72 प्रतिशत वोट पड़े थे। 1,72,774 मतदाताओं में से 1,30,824 ने मताधिकार का प्रयोग किया था।

शहरी क्षेत्र में 72 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 87 प्रतिशत मतदान हुआ था। जींद के इतिहास में चौथी बार 75 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। यहां 1987 में 76.28 प्रतिशत मतदान हुआ था। जींद में करीब 48 हजार जाट वोटर हैं।

ब्राह्मण, पंजाबी और वैश्य वर्ग की बात करें तो हर समुदाय के लोगों की संख्‍या 14 से 15 हजार के बीच है। पिछली बार 1972 में कोई जाट उम्‍मीदवार विजयी हुआ था। उस समय कांग्रेस के चौधरी दल सिंह विधायक बने थे।

इसके बाद जितने भी विधायक बने, उनमें से अधिकतर वैश्य और पंजाबी समुदाय के हैं। इस बार तीन बड़े चेहरे जाट समुदाय से मैदान में हैं।रामगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण चौधरी का निधन हो गया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने यहां चुनाव स्थगित कर दिया था। तब प्रदेश की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर ही मतदान हुआ था।

राजस्थान में अलवर के रामगढ़ में 20 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें मुख्य मुकाबला कांग्रेस की सफिया जुबेर खां, भाजपा के सुखवंत सिंह और बसपा के जगत सिंह के बीच है। प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सभा की थी।

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