झारखंड में सरायकेला में पुलिस दल पर नक्सली हमले में दो एएसआई समेत पांच पुलिसकर्मी शहीद

सरायकेला जिले के चांडिल के पास तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकडु साप्ताहिक हाट में शाम 5.45 नक्सलियों ने पुलिस के गश्ती दल पर हमला कर दिया। इसमें दो एएसआई सहित पांच जवान शहीद हो गए।नक्सलियों ने पहले जवानों पर भुजाली से हमला किया फिर ताबड़तोड़ फायरिंग की।

नक्सली पुलिस के हथियार लूटकर भाग गए। पुलिस के ड्राइवर सुखलाल कुदादा ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई। शहीद हुए जवानों में एएसआई मनोधन हासदां, एएसआई गोवर्धन पासवान, कांस्टेबल युधिष्ठिर मालुवा, कांस्टेबल धनेश्वर महतो और कांस्टेबल डिबरू पूर्ति का नाम शामिल हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भागते हुए बदमाश माओवाद जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। घटना के बाद ढाई घंटे तक जवानों के शव सड़क पर पड़े रहे। पुलिस अफसर घटनास्थल पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। रात करीब 8 बजे डीआईजी के नेतृत्व में फोर्स घटनास्थल पर पहुंचा।

माना जा रहा है कि घटना को नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने अंजाम दिया है। इस दस्ते ने पिछले डेढ़ महीने में सरायकेला-खरसावां में ये चौथा हमला किया है। 3 मई को नक्सलियों ने अर्जुन मुंडा के चुनाव कार्यालय को उड़ा दिया था।

21 मई को हुडांगदा में सुरू सिंचाई परियोजना के समीप धमाके किए थे जिसमें 3 जवान जख्मी हुए थे। 28 मई को कुचाई-खरसावां में एलआरपी टीम की गाड़ी ब्लास्ट में उड़ाई थी, जिसमें 25 जवान जख्मी हुए थे। डीजीपी केएन चौबे ने घटना के बाद शुक्रवार देर रात पुलिस उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाई है।

घात लगाए बैठे करीब 20 नक्सली अलग-अलग बंटकर पुलिस वालों के पीछे लग गए। एक जवान का दो-दो नक्सली पीछा कर रहे थे। उनके पास छोटे हथियार थे। किसी के पास भुजाली तो किसी के पास देसी कट्टा और पिस्टल थी। इसी वजह से उनके करीब पहुंचने तक पुलिस को उन पर शक नहीं हुआ।

ग्रामीणों के अनुसार घटना के बाद नक्सली 6 बाइकों पर सवार होकर भागे। वे एएसआई की दो रिवाॅल्वर और कारतूस तथा जवानों के तीन इंसास राइफल और कारतूस लूट ले गए।पुलिस के आला अधिकारी चांडिल, ईचागढ़ और तिरुलडीह थाने पहुंचे।

नक्सलियों के दोबारा हमले की आशंका में पुलिस घटनास्थल की ओर बढ़ने में हिचकती रही। सरायकेला और चाईबासा से पुलिस फोर्स को बुलाया गया। डीआईजी कुलदीप द्विवेदी के नेतृत्व में टीम रात करीब 8.15 बजे घटनास्थल पर पहुंची।

जवानों के शव कब्जे में लेने के बाद रात करीब 10 बजे सरायकेला पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया।हम लोग पेट्रोलिंग गाड़ी पर सवार होकर चांडिल से शाम को चार बजे लौट रहे थे। मैं पेट्रोलिंग पार्टी को लेकर हाट पहुंचा। वहां भीड़ काफी ज्यादा थी, वहीं गाड़ी रोक दी।

दो एएसआई और तीन सिपाही गाड़ी से उतरकर हाट की ओर बढ़े थे। मैं उस वक्त गाड़ी में ड्राइविंग सीट पर ही बैठा हुआ था। पेट्रोलिंग पार्टी के दस कदम दूर जाते ही पंद्रह बीस की संख्या में लोग पहुंचे। मैंने गाड़ी से देखा तो उन लोगों के पास हथियार दिखे।

पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि वे लोग कौन हैं? तभी कुछ क्षण के अंदर ही तीन-चार लोगों ने दो जवानों को पकड़ा और गोली चलाने लगा। एक व्यक्ति ने भुजाली से उसका गला रेत दिया।मैं गाड़ी से उतरा तबतक वे लोग सिपाही और अफसरों पर गोली चलाने लगे।

हर तरफ भगदड़ मच गई। एक-एक कर सारे सिपाही खून से लथपथ होकर गिर रहे थे। मैं डर कर दूसरी ओर से भागा, भागने के दौरान भी गोली चलने की आवाज सुनाई दे रही थी। मैं वर्दी में था तो मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वे लोग मुझे पहचान कर मुझपर भी हमला नहीं कर दे।

हाट से लोग भाग रहे थे किसी तरह मैं भी भागते भागते जंगल के रास्ते तिरुलडीह थाने पहुंचा। यहां पहुंचकर घटना की जानकारी दी।’जनवरी 2019 से अब तक झारखंड में पुलिस और नक्सलियों के बीच 25 से अधिक मुठभेड़ हुईं। इसमें 18 नक्सली मारे गए और 65 से अधिक गिरफ्तार हुए।

चार नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया। 2018 में करीब 160 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था जबकि 1200 गिरफ्तार किए थे। इनमें 360 नक्सलियों ने सरेंडर किया था।मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पुलिसकर्मियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।

दुख की इस घड़ी में समस्त झारखंडवासी और सरकार शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ है। नक्सलियाें ने बौखलाहट में घटना को अंजाम दिया है। इस घटना से राज्य सरकार और सुरक्षाकर्मियों का मनोबल नहीं टूटेगा।

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