दिल्ली में शुरू होने वाला जाट आरक्षण आंदोलन टाल दिया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जाट नेता यशपाल मलिक ने रविवार को यह घोषणा की। दिल्ली में सरकार और जाट नेताओं के बीच कई दौर की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।जाट समुदाय लंबे समय से सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग करता रहा है और 29 जनवरी से फिर से आंदोलन शुरू किया गया था।
मुख्यमंत्री खट्टर के अलावा केंद्रीय मंत्री बीरेंदर सिंह और पी. पी. चौधरी ने सरकार की ओर से जाट नेताओं को आंदोलन न करने के लिए मनाने में पूरा जोर लगाया।बैठक के बाद खट्टर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पांच बिंदुओं पर समझौता हुआ है, जिसमें जाट समुदाय को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की प्रक्रिया शुरू करना, 2010 के बाद से जाट आंदोलनों में शामिल रहे जाट समुदाय के लोगों के मामलों पर पुनर्विचार करना है.
हरियाणा में फरवरी, 2016 में हुए जाट आंदोलन के दौरान मृतकों और अपंग हुए लोगों के एक नजदीकी रिश्तेदार को स्थायी नौकरी देना शामिल है।इसके अलावा सरकार घायलों को आर्थिक मदद भी मुहैया कराएगी और जाट आंदोलन के दौरान सख्त कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच की जाएगी।मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा यह सब तय समयसीमा के अंदर किया जाएगा। हमारी सरकार जाटों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
जाट नेता मलिक ने कहा कि सोमवार को संसद भवन तक होने वाला मार्च नहीं किया जाएगा।मलिक ने हालांकि यह भी कहा कि इस बीच हरियाणा में विभिन्न जगहों पर सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेंगे।खट्टर रविवार को योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने लखनऊ जाने वाले थे, लेकिन इस मुद्दे के चलते उन्हें अपनी लखनऊ यात्रा रद्द करनी पड़ी।
जाट समुदाय द्वारा बुलाए गए धरने से दिल्ली में सुरक्षा-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी, क्योंकि इस समय संसद की कार्यवाही चल रही है। जाट आंदोलन के चलते राजधानी में आम जन-जीवन के प्रभावित होने की आशंका थी।संभावित जाट आंदोलन के चलते दिल्ली मेट्रो ने रविवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं रविवार की रात से बंद करने की घोषणा की थी।