रक्षा मंत्री पर्रिकर का यह बयान पाकिस्तान की ताजा प्रतिक्रिया पर आया है। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में साफ तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।म्यांमार के ऑपरेशन फतह के बाद पाकिस्तान में चल रहे आंतकी ठिकानों पर भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग उठने के बाद पाकिस्तान ने बयान दिया था कि भारत उसे म्यांमार को समझने की भूल न करे। एक सेमिनार को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘अगर सोच के तरीके में बदलाव आता है, तब कई चीजें बदल जाती हैं। आपने पिछले 2-3 तीन दिनों में ऐसा देखा। उग्रवादियों के खिलाफ एक सामान्य कार्रवाई ने देश में संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य के बारे में सोच को बदल दिया।’
रक्षा खरीद प्रक्रिया के सरलीकरण की जरूरत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में सोच में बदलाव की जरुरत है। अभियान का ब्यौरा देने से इनकार करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘जो लोग भारत के नए रुख से भयभीत हैं, उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी है।’ रक्षा मंत्री ने सैन्य कार्रवाई के संबंध में मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देने से मना कर दिया।पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने कहा था कि पाकिस्तान म्यांमार नहीं है और भारत को पाकिस्तानी जमीन पर ऐसा करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। साथ ही उन्होंने भारत को चेतावनी दी थी कि उनका देश सीमापार से धमकी के आगे नहीं झुकेगा।
भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन फतह’ पर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बुधवार को बधाई दी थी और कहा था कि इससे आतंकियों को पनाह देने वाले पड़ोसियों को भी संदेश जाएगा। राठौड़ के अलावा भारत सरकार के दूसरे मंत्रियों ने भी इस ऑपरेशन पर बयान दिए थे। इन बयानों से यह संदेश जा रहा था कि भारत की पश्चिमी सीमा पर मणिपुर जैसी ही विरोधी ताकतों की हरकतों या मुंबई हमले जैसी भड़काऊ कार्रवाई के बाद भारतीय सेना फिर से ऐसा कदम उठा सकती है।मालूम हो कि भारतीय सेना के कमांडोज ने अपने हमले में म्यांमार की सीमा में दो उग्रवादियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारतीय सैनिकों के इस अभियान पर निकल पड़ने पर म्यांमार को भी इस ऑपरेशन के बारे में सूचना दी गई थी।