भारत सरकार ने हांगकांग की सरकार से नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए अपील की है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि सरकार ने करीब 13 हजार करोड़ के पीएनबी फ्रॉड के आरोपी नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए हैं।
बता दें कि जालसाजी उजागर होने के पहले ही नीरव मोदी, गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी देश छोड़कर भाग गए थे।सिंह ने राज्यसभा में कहा कि 23 मार्च को हांगकांग की सरकार से नीरव मोदी के प्रोविजिलन अरेस्ट की अपील की गई थी। इसके बाद उसके औपचारिक प्रत्यर्पण की अपील की जाएगी।
उन्होंने कहा विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद उनके पासपोर्ट निलंबित कर दिए गए थे। 16 फरवरी को दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था और इसका एक हफ्ते में जवाब मांगा गया था। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 23 फरवरी को दोनों के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए।
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने पिछले महीने पीएनबी फ्रॉड में नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट श्याम सुंदर वधवा को मुंबई से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने वधवा को 7 दिन की कस्टडी में भेजा था।ईडी का दावा है कि श्याम सुंदर वधवा सीए है। वह नीरव मोदी का दाहिना हाथ है। पीएनबी फ्रॉड में नीरव के लिए वधावा ने अहम भूमिका निभाई।
वधवा ने नीरव के लिए हांगकांग में दो कंपनी बनाने के साथ डमी डायरेक्टर्स की व्यवस्था की। इन डायरेक्टर्स और फर्म के जरिए 5,921 करोड़ का घोटाला किया गया।सीबीआई ने 6 मार्च को गीतांजलि जेम्स के वाइस प्रेसिडेंट विपुल चितालिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में जांच एजेंसी ने कहा था कि चितालिया ही पीएनबी फ्रॉड का मास्टरमाइंड है।
इससे पहले सीबीआई फायरस्टार के प्रेसिडेंट (फाइनेंस) विपुल अंबानी को गिरफ्तार कर चुकी है। विपुल अंबानी रिलायंस ग्रुप के प्रमुख मुकेश अंबानी का चचेरा भाई है। ईडी और सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों के कई अन्य अधिकारियों के साथ ही पीएनबी के ऑडिटर्स से भी पूछताछ कर चुकी है।
ईडी देश भर में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के ठिकानों पर 251 छापे मार चुकी है। इसमें करीब 7,638 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई।नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट/ब्लू कॉर्नर नोटिस के साथ गैरजमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं। दोनों के पासपाेर्ट रद्द कर दिए गए हैं।
फ्रॉड की शुरुआत पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में 2011 से हुई। फ्रॉड फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए किया गया। फर्जी एलओयू तैयार कर 2011 से 2018 तक हजारों करोड़ की रकम विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।
फ्रॉड का खुलासा फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी।बाद में पीएनबी ने सीबीआई को बैंक में 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। पीएनबी फ्रॉड अब करीब 13 हजार करोड़ तक जा पहुंचा है।