दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नेशनल हेराल्ड केस की जांच करने की आदेश दिए हैं। इससे सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि नेशनल हेराल्ड में यंग इंडिया, राहुल गांधी और सोनिया गांधी की हिस्सेदारी है।नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी की उस पिटीशन को खारिज कर दिया था जिसके जरिए स्वामी ने कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) के अकाउंट और बैलेंस शीट से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।
इस फैसले को मामले में आरोपी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं के लिए बड़ी राहत माना जा रहा था।नेशनल हेराल्ड मामले में दिसंबर 2015 में सोनिया और राहुल गांधी पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए थे और कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।सुब्रमण्यम स्वामी ने तब इसका विरोध करते हुए कहा था कि दोनों को जमानत मिली तो वे देश छोड़ कर भाग सकते हैं।
इसके बाद जून 2016 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल को बड़ी राहत मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था।एजेएल, नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था।
इसके बाद 5 लाख रुपए से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है।इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर नई बनाई कंपनी यंग इंडियन को दे दिए गए। इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था।
9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99% शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को एजेएल का मालिकाना हक मिल गया।सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया।सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दायर पिटीशन में स्वामी ने कहा कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।