राजस्थान कांग्रेस में विधायकों ने आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत के चलते 92 विधायकों ने दिए गहलोत सरकार से इस्तीफा

राजस्थान कांग्रेस में विधायकों ने आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत कर दी। कांग्रेस के अध्यक्ष बनने जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह नया नेता चुनने के पार्टी आलाकमान के तरीके से नाराज कांग्रेस के 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को अपने सामूहिक इस्तीफे सौंप दिए।

इनकी मांग है कि अशोक गहलोत की जगह यदि किसी को सीएम बनाया जाए तो उन 102 विधायकों में से ही बनाया जाए जो दो साल पहले सचिन पायलट की बगावत के समय प्रदेश सरकार को बचाने में साथ रहे थे। सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान गहलोत की जगह सीएम बनाना चाहता है।

इससे गहलोत खेमे के विधायक भड़क गए और बगावत पर उतर आए।नए नेता के चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से सीएम आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी नहीं हो सकी। इस बैठक में मात्र 28 विधायक ही पहुंचे।दिल्ली से इस बैठक के लिए पार्टी के दो पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खडगे और अजय माकन दोपहर जयपुर पहुंचे।

वहीं सचिन पायलट भी दिल्ली से जयपुर पहुंचे। जबकि मुख्यमंत्री  गहलोत इस सब राजनीतिक गहमागहमी से दूर राजधानी से करीब छह सौ किलोमीटर दूर पाकिस्तान की सीमा पर स्थित जैसलमेर जिले में स्थित प्रसिद्ध तनोट राय माता के मंदिर में दर्शन और पूजा में व्यस्त रहे। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास रहे।

राजनीतिक घटनाक्रम दोपहर बाद उस समय तेज हो गया, जब गहलोत समर्थक माने जाने वाले मंत्री और विधायक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के सरकारी निवास पर जमा होने लगे। इनमें गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी शामिल थे। इस बैठक में आए कुछ मंत्रियों और विधायकों ने आलाकमान के तरीके पर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की।

बैठक में पहुंचे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि गहलोत के अलावा किसी दूसरे को सीएम बनाया तो सरकार गिर सकती है। वहीं मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा- हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहें। मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय बोले- गहलोत ही रहें मुख्यमंत्री।

अल्पसंख्यक मामले विभाग के मंत्री सालेह मोहम्मद ने गहलोत को मुखिया बने रहने की एडवांस में बधाई दे दी है। इधर पायलट के घर भी उनके समर्थक विधायक अपनी रणनीति पर बातचीत करते रहे।इस बैठक में रात आठ बजे तक सत्तर से भी ज्यादा विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया। सात बजे होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक का रात आठ बजे तक आरंभ नहीं हो सकी थी।

कांग्रेस में मची इस हलचल के बीच जैसलमेर से लौटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षकों खडगे और माकन से मिलने होटल पहुंचे। जहां वे करीब एक घंटे से ज्यादा समय रहे। इसी बीच गहलोत न कहा कि कांग्रेस में परंपरा रही है आलाकमान के प्रस्ताव पर ही विधायक मुहर लगाते हैं।

इसलिए बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव आएगा और फैसला आलाकमान पर छोडा जाएगा। लेकिन धारीवाल के निवास पर पहुंचे विधायक वहीं डटे रहे। इसके बाद राम करीब नौ बजे सभी विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला किया और कुछ देर बाद एक बस में बैठकर विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंच गए।

इससे पहले जयपुर पहुंचने पर एयरपोर्ट पर मीडिया से माकन ने कहा- मुझे और मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऑब्जर्वर बनाकर भेजा है। मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल को टालते हुए माकन ने कहा- इस बारे में अभी मैं कुछ नहीं बता सकता हूं।  मलिकार्जुन खड़गे बोले- विधायकों से रायशुमारी और फीडबैक सामूहिक होगा या वन टू वन होगा, ये मैं और राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन मिलकर तय करेंगे।

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