पीएनबी के 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के करीब एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनता के पैसों की लूट को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा-मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये सरकार आर्थिक मामलों से जुड़ीं अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी। हालांकि, मोदी ने अपनी स्पीच में पीएनबी स्कैम का नाम नहीं लिया।
बता दें कि राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता आरोप लगा रहे थे कि मोदी इस घोटाले पर चुप क्यों हैं? नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल बिजनेस समिट में शुक्रवार शाम को कहा-मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये सरकार आर्थिक मामलों से जुड़ी अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी। जनता के पैसे का अनियमित अर्जन, इस सिस्टम को स्वीकार नहीं होगा।
एक अपील मैं ये भी करना चाहता हूं कि विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में नियम और नीयत यानि एथिक्स बनाए रखने की जिम्मेदारी जिन्हें दी गई है, वो पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभाएं। खासकर जिन्हें निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।नरेंद्र मोदी ने कहा-मुझे लगता है कि इस तरह के कार्यक्रमों में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने पर जो सकारात्मक इकोनॉमिक असर देश पर पड़ेगा, उसकी भी चर्चा होनी चाहिए।
मोदी ने कहा- चार साल पहले पूरी दुनिया में जब भारत की अर्थव्यवस्था की चर्चा होती थी, तो कहा जाता था फ्रैजल फाइव। आज फ्रैजल फाइव की नहीं, भारत के फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की चर्चा होती है। अब दुनिया भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है।पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी थी।
घोटाला पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ था। शुरुआत 2011 से हुई। 8 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।इस मामले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीताजंलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी हैं। ऐसा आरोप है कि इन्होंने बैंक के कर्मचारियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। सीबीआई ने अब तक 12 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें बैंक के पांच अफसर शामिल हैं।